जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख के हितों के संरक्षण के मुद्दे पर चार दिन से लेह की भीषण ठंड में खुले में अनशन कर रहे शिक्षाविद् सोनम वांगचुक ने देशवासियों से सहयोग मांगा है। वांगचुक ने इंटरनेट मीडिया पर रविवार को जारी वीडियो में कहा कि देशवासी 30 जनवरी को अपनी-अपनी जगह पर अनशन कर उनके अभियान को समर्थन दें। संविधान के छठे शेड्यूल को प्रभावी बनाकर लद्दाख के हितों के संरक्षण, ग्लेशियरों के पिघलने से पर्यावरण को हो रहे खतरे की ओर ध्यान दिलाने के लिए वांगचुक 26 जनवरी से लेह में माइनस 20 डिग्री तापमान में अनशन कर रहे हैं।

30 जनवरी को संपन्न होगा अनशन

वांगचुक अपने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव कैंपस में खुले में हिमपात के बीच वाटर प्रूफ हैवी स्लीपिंग बैग, गर्म कपड़ों में अनशन कर रहे हैं। उनके पास पुलिस ने भी सुरक्षा के लिए अपना टेंट लगाया है। रविवार को लद्दाख के पूर्व सांसद व अपेक्स बाडी के चेयरमैन थुप्स्तन छिवांग व अन्य कई प्रमुख लोग अनशन कर रहे सोनम वांगचुक से मिलने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव कैंपस में पहुंचे। वांगचुक का अनशन 30 जनवरी को संपन्न होगा।

अनशन की जगह पर पुलिस तैनात

इसी बीच पर्यावरण के साथ लद्दाख का राजनीतिक मुद्दा भी उठा रहे वांगचुक ने अनशन के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्था होने का आरोप भी लगाया है। प्रशासन ने लेह में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव कैंपस में अनशन की जगह पर पुलिस बल की तैनाती की है। साथ ही लेह प्रशासन ने सोनम वांगचुक को सीआरपीसी की धारा 107 व उप धारा 117 के तहत बांड भरने के लिए कहा है। बांड में शर्त है कि वांगचुक एक महीना ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे शांति, कानून एवं व्यवस्था में खलल पड़े। यह बांड न भरने वाले वांगचुक ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख एक अंधेर नगरी बन गया है।

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वांगचुक को शिमला में भी मिला समर्थन

वांगचुक को शिमला में भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है। इसको लेकर शिमला में भी सोमवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा। रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पूर्व उप महापौर व माकपा नेता टिकेंद्र पंवर एक दिन की भूख हड़ताल भी करेंगे। इस मुहिम का नाम 'हिमालय बचाओ, अपना भविष्य सुरक्षित करो' रखा है। टिकेंद्र पंवर ने कहा कि लेह-लद्दाख में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। इससे पर्यावरण को खतरा है। प्रकृति से छेड़छाड़ के परिणाम सभी के सामने हैं। जोशीमठ इसका ताजा उदाहरण है।

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Edited By: Anurag Gupta