समय और परिस्थितियां बदली तो तिरंगे में रंग गया कश्मीर, नेहरू के बाद पहली बार किसी कांग्रेसी ने फरहाया तिरंगा
प्रधानमंत्री नेहरू के बाद पहली बार किसी कांग्रेसी ने लाल चौक पर फहराया तिरंगा। अमन भरे माहौल में आम कश्मीरियों के बीच बेखौफ होकर लाल चौक पहुंचे राहुल गांधी। तिरंगे के साथ एक नया संदेश देते हुए एकजुट होने का दिया संदेश।
श्रीनगर, जागरण डिजिटल डेस्क। समय बदला और 370 हटने के बाद परिस्थितियां भी बदली हैं। यही कारण है कि 75 वर्ष बाद कोई कांग्रेसी बेखौफ लाल चौक पहुंचा और वहां तिरंगा फहराया और पूरे विश्व ने बदलाव की यह तस्वीर देखी। हाथ में तिरंगा थामे बेखौफ कश्मीरी मानो दुनिया को भी अपना नजरिया बदल लेने की सलाह दे रहे थे। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हिंसा व अलगाववादी एजेंडे की पराजय पर राहत की सांस ले रहे कश्मीरियों के बीच राहुल गांधी ने बेखौफ तिरंगा फहराया।
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल सुबह करीब 11 बजे पंथाचौक से श्रीनगर के लिए रवाना हुए। उनके साथ उनकी बहन व पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा लगभग सभी वरिष्ठ नेता और अन्य कार्यकर्ता भी थे। लाल चौक में तिरंगा फहराने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि लाल चौक पर तिरंगा लहराकर देश से किया वादा पूरा हुआ। नफरत हारेगी, मोहब्बत हमेशा जीतेगी, भारत में उम्मीदों का नया सवेरा होगा।
लाल चौक पर तिरंगा लहराकर
भारत से किया वादा आज पूरा हुआ।🇮🇳
नफ़रत हारेगी, मोहब्बत हमेशा जीतेगी,
भारत में उम्मीदों का नया सवेरा होगा। pic.twitter.com/8B6vAk3aL6— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2023
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बीजेपी का राहुल पर वार
हालांकि कुछ दिन पूर्व तक राहुल के लाल चौक में राष्ट्रध्वज फहराने की संभावनाओं पर कांग्रेस नेता कहते थे कि लाल चौक में तिरंगा तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा है। कश्मीर मामलों के जानकार एजाज अहमद ने कहा कि आज जिस शांत और विश्वासपूर्ण माहौल में राहुल गांधी ने तिरंगा फहराया है, यह तीन साल पहले तक संभव नहीं था। यह अनुच्छेद-370 को हटाने, आतंकियों व अलगाववादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने का नतीजा है। इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब तो मानसिकता बदलें और इस बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दें।
बता दें कि यह वही कश्मीर है जहां पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद-370 हटने से पहले तक खुलेआम चेतावनी देती थीं कि 370 हटा तो यहां तिरंगा पकड़ने वाला कोई नहीं मिलेगा।
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1992 में जोशी के साथ आए थे मोदी, सत्ता में थी कांग्रेस
इससे पूर्व 26 जनवरी, 1992 को यहां तिरंगा रैली हुई थी। उस समय भाजपा के मुरली मनोहर जोशी तिरंगा फहराने आए थे और नरेन्द्र मोदी यात्रा के संयोजक थे। केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। कड़े सुरक्षा घेरे में उन्होंने यहां तिरंगा फहराया और उस दौरान आतंकी हमला भी हुआ था। इसके बाद भी कई बार प्रयास हुए पर ज्यादातर लोगों को लखनपुर पार करते ही हिरासत में ले लिया जाता था। वहीं, आज प्रधानमंत्री पद पर नरेन्द्र मोदी हैं और राहुल गांधी निर्बाध यात्रा को पूरा देश देख रहा है।
जब जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्र ध्वज फहराया था
श्रीनगर के लाल चौक पर 75 वर्ष पूर्व 1948 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शेख अब्दुल्ला के साथ आए थे और तिरंगा फहराया गया था। उस समय यहां टावर नहीं था। इसके बाद आज तक कोई कांग्रेसी नेता यहां तिरंगा फहराने नहीं जा पाया। जबकि दशकों तक उनकी सरकार रही। यह अब नरेन्द्र मोदी सरकार में संभव हो पाया है।