Move to Jagran APP

Jammu News: अब क्यूआर कोड बताएगा कश्मीर के शिल्प की गुणवत्ता, उपराज्यपाल ने लॉन्च किए क्यूआर-कोड आधारित लेबल

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को राजभवन में जम्मू-कश्मीर के 13 विभिन्न जीआई और गैर-जीआई पंजीकृत शिल्पों के क्यूआर-कोड आधारित लेबल लॉन्च किए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारीगर समुदाय हस्तशिल्प विभाग और अन्य हितधारकों को बधाई दी। अब कश्मीर की कला को नई पहचान मिलेगी।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Sun, 29 Jan 2023 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 06:44 PM (IST)
Jammu News: अब क्यूआर कोड बताएगा कश्मीर के शिल्प की गुणवत्ता, उपराज्यपाल ने लॉन्च किए क्यूआर-कोड आधारित लेबल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारीगर समुदाय, हस्तशिल्प विभाग और अन्य हितधारकों को बधाई दी

जम्मू, जागरण डिजिटल डेस्क। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को राजभवन में जम्मू-कश्मीर के 13 विभिन्न जीआई और गैर-जीआई पंजीकृत शिल्पों के क्यूआर-कोड आधारित लेबल लॉन्च किए। जम्मू कश्मीर में हाथ से बुनी गई कालीनों से लेकर शॉल तक के बारे में अब दुनिया में कहीं भी कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक कोड स्कैन करने से संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेगा। अब एक क्यूआर कोड को स्कैन करके लोग कश्मीर की कला की उत्पत्ति और उसकी गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें: Jammu and Kashmir News: कश्मीर में अलगाववादियों पर NIA की बड़ी कार्रवाई, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का दफ्तर कुर्क

रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारीगर समुदाय, हस्तशिल्प विभाग और अन्य हितधारकों को बधाई दी। इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि क्यूआर-कोड लेबल शिल्प की उत्पत्ति और गुणवत्ता को प्रमाणित करने में मदद करेंगे, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में गुणवत्ता आश्वासन में सुधार करेंगे और शिल्पकारों, व्यापारियों और निर्यातकों को लाभान्वित करेंगे। इस क्यू आर कोड से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में कश्मीरी शिल्प की गुणवत्ता प्रभावित होगी।

जम्मू-कश्मीर की कला को मिलेगी अलग पहचान

रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि क्यूआर कोड से एक नई पहचान कश्मीरी कला को मिलेगी। उन्होंने कहा, "यह जम्मू-कश्मीर की अमूल्य कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। क्यूआर-कोड आधारित तंत्र उत्पाद की गुणवत्ता, वास्तविकता सुनिश्चित करने और जम्मू-कश्मीर के हस्तनिर्मित उत्पादों की वैश्विक मांग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।"

यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi: लाल चौक पर राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, ट्वीट कर कहा- 'भारत से किया वादा आज पूरा हुआ'

क्यू-आर कोड का लाइव प्रदर्शन

इस मौके पर उत्पादों की क्यूआर कोड स्कैनिंग का लाइव प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया। स्थानीय शिल्प की विशेषता वाले G20 के स्मृति चिन्ह भी उपराज्यपाल को भेंट किए गए। बता दें कि कश्मीर के कुछ चुनिंदा सामानों के लिए क्यू आर कोड लॉन्च किया गया है। इसमें कश्मीर पश्मीना, कश्मीर सोजनी, कानी शॉल, पेपर माची, खाटमबंद, कश्मीर वॉलनट वुड कार्विंग (जीआई पंजीकृत शिल्प), और नमदाह, क्रूवेल, चेन-स्टिच, सिल्वरवेयर, फिलीग्री, कॉपरवेयर और विलो विकर (गैर-जीआई शिल्प) शामिल हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर अपने सभी शिल्पों के लिए क्यूआर (त्वरित प्रतिक्रिया) आधारित लेबल जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। 10 अन्य शिल्पों के लिए जीआई पंजीकरण कराने की प्रक्रिया चल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.