जब राजनाथ ने कहा- 'बस, अब बहुत हुआ...', आर्मी चीफ ने बताया कैसे हुई ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग; आसिम मुनीर पर कसा तंज
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना ने देश को हिला दिया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बस अब बहुत हो चुका। सेना प्रमुखों ने मिलकर कुछ बड़ा करने का निर्णय लिया और सरकार ने पूरी खुली छूट दे दी। जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि युद्ध में नैरेटिव मैनेजमेंट महत्वपूर्ण होता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के ठीक अगले दिन ही शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि ये पहला मौका था जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि बस, अब बहुत हो चुका। उन्होंने बताया कि इस बैठक में ये तीनों सेनाओं के प्रमुख इस बात पर सहमत हुए कि कुछ बड़ा किया जाना चाहिए और हमें पूरी खुली छूट दे दी गई।
जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान पर कसा करारा तंज
एक कार्यक्रम में अपना संबोधन देते हुए थल सेना अध्यक्ष जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान पर करारा तंज कसा। उन्होंने कहा कि युद्ध में कथा निर्माण यानी नैरेटिव मैनेमेंट की खास भूमिका होती है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप किसी भी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि आप जीते या हारे, तो वह कहेगा की मेरा चीफ फील्ड मार्शल बन गया है, जरूर जीत गए होंगे, तभी वह फील्ड मार्शल बना है।
दरअसल, जनरल द्विवेदी का इशारा पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने सेना प्रमुख आसीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने पर था। वहीं, जनरल द्विवेदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए पूरी तरीके से सशस्त्र बलों को फ्री हैंड दे दिया था।
#WATCH | During an address at IIT Madras, Chief of Army Staff (COAS) General Upendra Dwivedi says, "In Operation Sindoor, we played chess... We did not know what the enemy's next move was going to be, and what we were going to do. This is called greyzone. Greyzone means that we… pic.twitter.com/MfLScTMbG7
— ANI (@ANI) August 9, 2025
'हमें पूरी तरह खुली छूट मिली'
थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व के बीच बैठक के दौरान हमें पूरी तरह से खुली छूट दे दी गई थी। इस दौरान कहा गया कि आप तय कीजिए कि आगे क्या करना है? यही वह भरोसा, राजनीतिक दिशा और स्पष्टता थी, जो हमने पहली बार देखी।
उन्होंने बताया कि इस तहर के स्पष्ट राजनीतिक समर्थन से सैनिकों का मनोबल बढ़ता है। यही कारण है कि हमारे आर्मी कमांडर ग्राउंड पर जाकर अपने विवेक से कदम उठा सके।
कहां हुई ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग
थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 25 अप्रैल को हम नॉर्दर्न कमांड पहुंचे, जहां पर हमने सोचा, योजना बनाई, कॉनसेप्ट तैयार किया और उसे अंजाम दिया। 9 में से सात टारगेट ध्वस्त किया और बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमारी पहली मुलाकात हुई थी।
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