'भारत ने मुझे ठीक कर दिया', 10 साल बाद लौटे NRI ने खोली अमेरिका के हेल्थ सिस्टम की पोल
एक एनआरआई, जो 10 साल अमेरिका में रहने के बाद भारत लौटा, उसने भारतीय डॉक्टरों की प्रशंसा की और भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को अमेरिका से बेहतर बताया। उन् ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में करीब 10 साल रहने के बाद एक भारतीय नागरिक वापस अपने देश आया है। भारत आकर इस NRI ने भारतीय डॉक्टरों की तारीफ की और भारत के हेल्थ सिस्टम को अमेरिका से बेहतर बताया।
एनआरआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि अमेरिका में मरीज को केवल नोट छापने की मशीन समझा जाता है। रेडिट पर पोस्ट शेयर करते हुए यूजर ने लिखा कि 'भारत ने मुझे ठीक कर दिया।'
NRI ने की भारतीय डॉक्टरों की तारीफ
अमेरिका में 10 साल रहने के बाद भारत वापस लौटे शख्स ने भारतीय डॉक्टरों की जमकर तारीफ की। NRI ने कहा कि 'भारत ने मुझे ठीक कर दिया। सचमुच और प्रतीकात्मक रूप से। मैंने अमेरिका में 10 साल बिताए। मेरी शिक्षा और करियर के लिए वे साल शानदार रहे, लेकिन मुझे घर और परिवार की बहुत याद आती थी।'
अमेरिका में ये शख्स स्टाफ डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम कर रहा था, लेकिन 2017 में इसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो गईं और इस शख्स के सामने अमेरिका के हेल्थ सिस्टम की सच्चाई सामने आई।
छोटी सी बीमारी को बड़ा बना दिया
रेडिट पर इस शख्स ने आगे लिखा कि अमेरिकी हेल्थकेयर में कई ऐसे डरावने शब्द हैं जो किसी साधारण बीमारी को वास्तविकता से कहीं अधिक जटिल और खतरनाक बना देते हैं।
एनआरआई ने साल 2018 में सिजोअफेक्टिव डिसऑर्डर हो जाने के बाद अमेरिका में अपना काम जारी रखा, लेकिन अमेरिकी डॉक्टरों से मिल रही राय पर सवाल उठाए।
एनआरआई ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि 'अगर मुझे अभी भी सिजोफ्रेनिया होता, तो मैं डिग्री और नौकरी कभी नहीं कर पाता। सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों को स्पष्ट और विश्वसनीय मतिभ्रम और भ्रम होते हैं।
'भारत के डॉक्टर परवाह करते हैं'
रेडिट यूजर ने बताया कि 'मैंने अपनी बीमारी को लेकर एक और राय डॉक्टर से राय ली। इसके लिए मैंने भारत के शीर्ष मनोचिकित्सा अस्पताल, बेंगलुरु के NIMHANS में एक प्रमुख मनोचिकित्सक से बात की।'
'बेंगलुरु के डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरा सिजोअफेक्टिव डिसऑर्डर कुछ समय से नियंत्रण में है। अब मुझे मूड डिसऑर्डर और कभी-कभी होने वाली चिंता है।'
NRI ने आगे बताया कि 'मैं पिछले साल भारत वापस आ गया। मैं ठीक हो चुका हूं। फिर भी कुछ नहीं बदला है। बस एक ऐसी स्वास्थ्य सेवा और डॉक्टर मिल गए हैं जो मेरी परवाह करते हैं और मुझे पैसे कमाने की मशीन नहीं समझते।'

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