भारत-पाक NSA वार्ता रद होने को राजनाथ ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ एनएसए वार्ता रद करने को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भारत वार्ता चाहता था लेकिन पाकिस्तान पीछे हट गया। उन्होंने पाकिस्तान पर वार्ता रद करने का आरोप मढ़ते हुए कहा कि यदि उन्हें यही मुद्दा उठाना था तो उफा
नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ एनएसए वार्ता रद करने को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भारत वार्ता चाहता था लेकिन पाकिस्तान पीछे हट गया। उन्होंने पाकिस्तान पर वार्ता रद करने का आरोप मढ़ते हुए कहा कि यदि उन्हें यही मुद्दा उठाना था तो उफा में इस तरह की बात क्यों नहीं की थी। यह पूछे जाने पर कि अब आगे क्या होगा, उन्होंने कहा कि यह तय करने का काम अब पाकिस्तान का है। भारत अपने पड़ोसी से अच्छे संबंध बनाने का इच्छुक है। गृहमंत्री ने कहा कि इस बैठक में सिर्फ आतकंवाद के मुद्दे पर वार्ता होनी तय हुई थी, साथ ही यह तय हुआ था कि इसमें कोई भी तीसरा पक्ष नहीं होगा। इस बैठक में कश्मीर का मुद्दा कभी नहीं था।
इस वार्ता को रद करने के लिए जहां कई नेताओं ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया वहीं कांग्रेस इसको लेकर सरकार की खिंचाई कर रही है। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि वह आतंकवाद पर भारत से बात नहीं करना चाहते हैं। भाजपा नेता संबित पात्रा ने इस वार्ता के रद होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने पाक द्वारा इस वार्ता को रद करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वहीं दूसरी और वार्ता रद होने के लिए कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सरकार को ही दोषी माना है। उन्होंने कहा यह पहले से ही फ्लोप थी और इसका अंत भी फ्लोप हुआ। कांग्रेस ने एक बार फिर से सरकार को दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान से पकड़कर भारत लाने की बात कही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि दाऊद इब्राहिम को लेकर भारत के पास पुख्ता सबूत हैं, लेकिन पाकिस्तान इन्हें मानने के लिए तैयार नहीं है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम का कहना था कि आतंकवाद पाकिस्तान की धरती को भी निगल रहा है लेकिन उन्हें यह बात समझ में नहीं आती है। वहीं जम्मू कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि वार्ता रद करके पाकिस्तान की एक बार फिर हकीकत सामने आ गई है।
उन्होंने कहा कि इससे पाक की कपट से भरी कूटनीति का भी खुलासा हो गया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने इस पर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि एनएसए वार्ता को लेकर न तो गंभीर थे और न ही ऐसा करना चाहते थे। वह केवल दूरी बनाकर कबडडी मैच खेल रहे थे।
तिवारी ने कहा कि सरकार ने इस मामले में जिस तरह से काम किया है उससे हुर्रियत को बेवजह तवज्जो मिल गई है। इस वार्ता के रद होने से अमेरिका ने भी निराशा जताई है। इस मसले पर शिवसेना ने पाकिस्तान को जमकर खरीखोटी सुनाई है। शिवसेना के नेता संजय राऊत ने कहा है कि वार्ता से बचने के लिए पाकिस्तान डर के मारे भाग खड़ा हुअा है।
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गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच होने वाली इस वार्ता पर शुरू से ही आशंका के बादल छाए हुए थे। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को इस बैठक से पहले ही मुलाकात का न्योता भेज दिया था। इस पर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी और एेसा न करने के लिए पाकिस्तान को चेताया भी था। बावजूद इसके पाकिस्तान अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आया। इसके बाद तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच भारत ने उसको साफतौर पर अपनी हठधर्मिता छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया था।
भारत-पाक के बीच वार्ता रद होने से अमेरिका निराश
एनएसए लेवल की बातचीत को लेकर हर घड़ी कुछ नया सामने आता रहा। अंत में कल पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने कल इस बैठक को लेकर गेंद भारत के पाले में फैंकने की कोशिश की। शाम होते होते भारत ने भी इस वार्ता को लेकर अपना रुख और कड़ा कर लिया, जिसके बाद कल रात पाकिस्तान ने इस वार्ता को रद करने की घोषणा कर दी थी।