मुजफ्फरनगर: नहीं थम रही हिंसा, मरने वालों की संख्या हुई 42
सेना की तैनाती और कर्फ्यू के बीच मंगलवार को चौथे दिन भी मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य नहीं हो सके। शहर में कोई बड़ी घटना नहीं हुई, कर्फ्यू में ढील भी दी गई लेकिन देहात में हिंसा जारी रही। हिंसा की आग मेरठ, सहारनपुर, शामली, बागपत और हापुड़ के गांवों तक पहुंच गई। मेरठ में दो जबकि बाकी जिलों में एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। इस प्रकार से सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या मंगलवार रात बढ़कर 42 हो गई। प्रशासन ने अभी तक 37 लोगों के मरने की पुष्टि क
जागरण न्यूज नेटवर्क, मुजफ्फरनगर। सेना की तैनाती और कर्फ्यू के बीच मंगलवार को चौथे दिन भी मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य नहीं हो सके। शहर में कोई बड़ी घटना नहीं हुई, कर्फ्यू में ढील भी दी गई लेकिन देहात में हिंसा जारी रही। हिंसा की आग मेरठ, सहारनपुर, शामली, बागपत और हापुड़ के गांवों तक पहुंच गई। मेरठ में दो जबकि बाकी जिलों में एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। इस प्रकार से सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या मंगलवार रात बढ़कर 42 हो गई। प्रशासन ने अभी तक 37 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
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पुलिस ने मंगलवार को कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। सेना ने फ्लैग मार्च किया। बावजूद इसके मुजफ्फरनगर के मीरापुर थानाक्षेत्र के गांव सिखरेड़ा में एक व्यक्ति की धारदार हथियारों से काटकर हत्या कर दी गई। शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव सोरम में भी युवक की हत्या कर दी गई, हालांकि पुलिस मामला रंजिश का बता रही है। इसी थाना क्षेत्र के कसेरवा के पास नहर में युवक का धारदार हथियारों से कटा शव बरामद हुआ है। सोमवार तक दंगे में 36 लोग मारे गए थे। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कई गांव में रात के समय जमकर पथराव व फायरिंग हुई। इसके अलावा रतनपुरी के गांव भूखेड़ी में कोल्हू पर सो रहे 52 वर्षीय व्यक्ति पर हमला कर दिया गया। खतौली के गांव कैलावड़ा में एक व्यक्ति को गंभीर घायल कर दिया गया। शामली शहर कई बार फायरिंग की आवाज से दहल उठा। बागपत में भी सांप्रदायिक झड़पों की खबर है। वहां पर गांवों में घर खाली करके भागे लोगों के ठिकानों पर आगजनी की खबर है। मेरठ के मवाना कस्बे में अराजक तत्वों ने शादीघर में आग लगा दी। प्रदेश के गृह सचिव कमल सक्सेना ने मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।
कर्फ्यू में ढील मिलते ही उमड़े लोग
दोपहर बाद 3.45 बजे से 5.30 बजे तक मुजफ्फरनगर शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दी गई तो लोग बाजार में उमड़ पड़े। दवाइयां, दूध, सब्जी के अलावा दैनिक उपयोग की वस्तुओं की जमकर खरीदारी हुई। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार लग गईं। कर्फ्यू में ढील की अवधि खत्म होने से पहले ही लोग अपने घरों को लौट गए और फिर सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।
सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे मुस्लिम
बागपत : मुजफ्फरनगर और शामली जिलों से पलायन कर मुस्लिम समुदाय के दो हजार लोगों ने बागपत के खुब्बीपुर निवाड़ा गांव में शरण ली है। इसी प्रकार से बागपत के दर्जनों गांवों में रहने वाले मुस्लिम सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक हिंसा के चलते मुस्लिम वर्ग के लोगों का कई दिनों से पलायन जारी है। बागपत के बड़ौत क्षेत्र से दो दर्जन गांवों के सैकड़ों लोग रातोंरात जरूरी सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। सोमवार रात से लेकर मंगलवार तक रमाला, कंडेरा, जिमाना, सूप, बावली, लौहड्डा, बासौली, लुहारी और आसपास के कई गांवों से लोग पलायन कर गए। पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी सिंह का कहना है कि लोग अपनी मर्जी से जा रहे हैं। उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है।
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