व्यापमं: हटाए जा सकते हैं MP के गवर्नर, राजनाथ से मिले गृह सचिव
व्यापमं घोटाले की जांच आज सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी। अब इससे जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई करेगी। इसे मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं दूसरी और मध्य प्रदेश के गवर्नर को हटाने संबंधी याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम
नई दिल्ली। व्यापमं घोटाले की जांच आज सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी। अब इससे जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई करेगी। इसे मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं दूसरी और मध्य प्रदेश के गवर्नर को हटाने संबंधी याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर राम नरेश यादव और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। इस बदलते घटनाक्रम के बाद आज केंद्रीय गृह सचिव ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि अब गवर्नर की कुर्सी खतरे में और वह हटाए भी जा सकते हैं। केंद्र अब इस संबंध में राज्यपाल से इस्तीफा मांग सकती है। इस बारे में आज शाम तक कोई फैसला हाे सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और गवर्नर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस के सत्यदेव कटारे और आप के आशीष खेतान ने कहा है कि अब राज्य के सीएम का अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं रह गया है, उन्हें नैतिककता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। पार्टी के ही एक अन्य नेता टॉम वडाकन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का मैसेज बेहद साफ है कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य के सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए।
शिवराज ने माना व्यापमं से उनकी छवि को पहुंचा नुकसान
मामले में एक याचिकाकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी का इजहार किया है। उनका कहना है कि अब इस मामले में सच उजागर हो जाएगा। भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। सीएम से इस्तीफा देने की मांग कर रहे राजनेताओं पर टिप्पणी करते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबू लाल गौर ने कहा कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में गैस रिसने से पांच हजार लोग मर गए तब क्या उस वक्त के सीएम अर्जुन सिंह ने इस्तीफा दिया था।
व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से मिली राहत : शिवराज
गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर अब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बचते दिखाई दे रहे थे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सीबीआई को सीधे ही इसकी जांच नहीं सौंप सकती है। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मामले में गवर्नर रामनरेश यादव को आरोपी बनाया गया है, लेकिन उनके खिलाफ जांच फिलहाल निलंबित है। उनका बेटा भी इस मामले में शक के दायरे था, जिसकी संदेहास्पद स्थिति में मौत हो चुकी है।