Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Quit India Movement: भारत छोड़ो आंदोलन से अंग्रेजों की हिल गई थी नींव, देश से भागने पर मजबूर हो गए थे फिरंगी

    By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Mon, 07 Aug 2023 04:27 PM (IST)

    Quit India Movement 08 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति भी नाम दिया गया। महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। भारत छोड़ो आंदोलन के अगले ही दिन कई लोग जेल गए। भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ काफी प्रभावशाली साबित हुआ और अंग्रेजी शासन की नींद उड़ गई थी।

    Hero Image
    08 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Quit India Movement: भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, लेकिन आजादी की कहानी बड़ी लंबी है। आजादी पाने के लिए कई वर्षों तक लंबी लड़ाई लड़ी गई, तब भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। इन्हीं में से एक था भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)। भारत छोड़ो आंदोलन से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब शुरू हुआ था भारत छोड़ो आंदोलन?

    भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की शुरुआत 08 अगस्त 1942 को हुई थी। इस आंदोलन का नेतृत्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। महात्मा गांधी ने 08 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बॉम्बे (अब मुंबई) अधिवेशन में इसकी शुरुआत की थी। भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ काफी प्रभावशाली साबित हुआ और शासन की नींद उड़ गई थी।

    करो या मरो का नारा किसने और कब दिया?

    भारत छोड़ो आंदोलन का प्रभाव देशवासियों पर काफी गहरा पड़ा था। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन के दौरान 'करो या मरो' का नारा दिया था। करो या मरो के नारे ने लोगों को इस तरह प्रभावित किया कि अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। आंदोलन की शुरुआत करते हुए, गांधीजी ने कहा कि अंग्रेजों को अब तुरंत भारत छोड़कर चले जाने चाहिए।

    भारत छोड़ो आंदोलन के बाद क्या हुआ?

    भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की शुरुआत के अगले ही दिन यानी कि नौ अगस्त को अंग्रेजी सरकार ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें गांधीजी भी शामिल थे। इस दौरान कई लोग मारे गए थे। प्रत्येक साल उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अपने जान गंवाए थे।

    क्यों शुरू हुआ था भारत छोड़ो आंदोलन?

    वैसे तो आजादी की लड़ाई कई वर्षों पहले से जारी थी, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन की जरूरत इसलिए पड़ी थी, क्योंकि बिना मर्जी के भारत को द्वितीय विश्वयुद्ध में धकेल दिया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत के हजारों सैनिक शहिद हो गए थे और यही भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने का कारण बना था।

    क्यों खास था भारत छोड़ो आंदोलन?

    गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की खासियत यह थी कि इसमें पूरे देश के लोग शामिल हुए थे, जिससे अंग्रेजी शासन की जड़े हिल गई थीं। महात्मा गांधी ने ग्वालिया टैंक मैदान से करो या मरो का नारा दिया था, जिससे पूरा देश एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हो गया। बाद में ग्वालिया टैंक मैदान को अगस्त क्रांति मैदान नाम दिया गया।

    भारत छोड़ो आंदोलन को कहा गया अगस्त क्रांति

    भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम के नाम से भा जाना जाता है। इस आंदोलन की शुरुआत आठ अगस्त को हुई थी, लेकिन आमतौर पर लोगों का मानना है कि इसकी शुरुआत नौ अगस्त को हुई थी। इस आंदोलन के दौरान 14 हजार से अधिक लोगों को जेल में डाल दिया गया था।