फ्लाइट से भी कम समय में पहुंचेंगे हैदराबाद से चेन्नई, जानिए क्या है सरकार की प्लानिंग; यात्रियों के बचेंगे 10 घंटे
Indian Railways अब हैदराबाद से चेन्नई जाने में केवल दो घंटों का वक्त लगेगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी कर ली है। हैदराबाद से चेन्नई के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने की तैयारी जिससे केवल 2 घंटों में ही यात्रा पूरी की जा सकेगी। वहीं बेंगलुरु से चेन्नई केवल 20 मिनटों में पहुंचा जा सकेगा। इस कॉरिडोर के निर्माण से लोगों का 10 घंटों से अधिक का समय बचेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Indian Railways News: भारतीय रेल लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए कई प्रयास कर रहा है। रेलवे की कोशिश है कि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई, जिससे कम समय में लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सके। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा है।
दरअसल, ये हाई स्पीड कॉरिडोर हैदराबाद से चेन्नई को जोड़ेगा। इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद बेंगलुरु और चेन्नई की दूरी कम समय में तय की जा सकेगी। माना जा रहा है कि इस कॉरिडोर के निर्माण बाद 2 घंटे में बेंगलुरु पहुंचा जा सकेगा।
केवल दो घंटों में हैदराबाद से बैंगलुरु
माना जा रहा है कि इन दो कॉरिडोर के निर्माण के बाद से लोगों का करीब 10 घंटे का समय बचेगा। वर्तमान में हैदराबाद से चेन्नई पहुंचने में 12 घंटे से अधिक समय लगता है। जानकारी के अनुसार ये कॉरिडोर हैदराबाद से जुड़ा होगा, जो बेंगलुरु और चेन्नई को जोड़ेगा।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस कॉरिडोर में ट्रेनों की औसत स्पीड 320 किमी प्रति घंटा रहने की उम्मीद है। इस वजह से यात्री आसानी से केवल दो घंटों में बेंगलुरू पहुंच सकेंगे। वहीं, बेंगलुरु से 20 मिनट में चेन्नई पहुंचा जा सकेगा। अभी तक की जानकारी के मुताबिक हैदराबाद-चेन्नई रेल रूट कॉरिडोर 705 किलोमीटर लंबा रहने की संभावना है। वहीं, हैदराबाद-बेंगलुरु मार्ग 626 किलोमीटर लंबा होगा।
फ्लाइट्स से मुकाबला करेंगी ट्रेनें
हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक की फ्लाइट्स से करीब 1.15 घंटे का वक्त लगता है। वहीं, हैदराबाद से चेन्नई की फ्लाइट से 1.20 घंटे का वक्त लगता है। इन एयरपोर्ट्स पर पहुंचने में भी काफी समय लगता है, ऐसे में इस यात्रा का कुल वक्त 2 से 3 घंटों का हो जाता है। रेलवे कॉरिडोर के बनने के बाद ये यात्रा महज तीन घंटों की रह जाएगी।
क्या बोले अधिकारी?
टीओआई पर लगी एक खबर के अनुसार एससीआर के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने इस कॉरिडोर को लेकर जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि परियोजना के सर्वेक्षण और मूल्यांकन के लिए 33 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
इस रेल रूट से हाई-स्पीड ट्रेनें चलेंगी। ये रेल रूट पारंपरिक रूट से अलग है। यह डिजाइन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर के मॉडल के तौर पर विकसित किया जाना है। जैसे बुलेट ट्रेन संचालन के लिए विकसित किया जा रहा है।
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