भारतीय निर्यातक न्यूजीलैंड को चीन पर निर्भरता कम करने में कर सकते हैं मदद
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, भारतीय निर्यातकों के पास न्यूजीलैंड को निर्यात बढ़ाने और चीन पर निर्भरता कम करने में मदद करने की क ...और पढ़ें

भारत कर सकता है न्यूजीलैंड की मदद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, प्रेट्र: कृषि, पेट्रोलियम, दवा, परिधान, इलेक्ट्रॉनिक और मोटर वाहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के पास न केवल न्यूजीलैंड को निर्यात बढ़ाने की क्षमता है, बल्कि वे इस द्वीप राष्ट्र को चीन पर अपनी निर्भरता कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) के अनुसार, 2024-25 में न्यूजीलैंड ने चीन से 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का सामान आयात किया जबकि भारत से केवल 71.1 करोड़ डॉलर का सामान आयात किया गया। 2024-25 में न्यूजीलैंड का कुल आयात 50 अरब डॉलर था।
भारत के पास सुनहरा अवसर
जीटीआरआइ की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते को देखते हुए, विभिन्न भारतीय क्षेत्रों के लिए द्वीप राष्ट्र में अपनी पैठ बढ़ाने के अवसर मौजूद हैं। संभावित क्षेत्रों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ एवं कृषि-संबंधित उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद व औद्योगिक रसायन, दवा एवं स्वास्थ्य सेवा, प्लास्टिक, रबर तथा उपभोक्ता वस्तुएं, वस्त्र व परिधान, इलेक्ट्रानिक व विद्युत उपकरण, मोटर वाहन एवं परिवहन उपकरण आदि शामिल हैं।
जीटीआरइ के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'इन क्षेत्रों में चीनी प्रतिस्पर्धा नगण्य होने के बावजूद भारत का निर्यात लगभग शून्य है, जो एक लाख डॉलर से 50 लाख डॉलर के बीच है। यह स्थापित आपूर्तिकर्ताओं द्वारा अवरुद्ध बाजार के बजाय एक अनछुए बाजार का संकेत देता है।'
इसी प्रकार, भारत परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के विश्व के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, जिसका वैश्विक निर्यात 69.2 अरब डॉलर है। न्यूजीलैंड प्रतिवर्ष करीब 6.1 अरब डॉलर मूल्य के इन उत्पादों का आयात करता है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी मात्र 23 लाख डॉलर है।
भारत ने मुक्त व्यापार समझौते के तहत न्यूजीलैंड को सेब के आयात के संदर्भ में एक संतुलित और निर्धारित रूप से बाजार पहुंच प्रदान की गई है। साथ ही घरेलू किसानों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय भी किए हैं। समझौते के तहत न्यूजीलैंड से सेब आयात के लिए तय किए गए कोटे के अंदर ही 25 प्रतिशत की रियायती सीमाशुल्क सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिए सोमवार को बातचीत पूरी हुई।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, 'तय कोटा से ज्यादा किसी भी आयात पर बिना किसी रियायत के 50 प्रतिशत का मौजूदा सीमाशुल्क लगेगा। 'उसने कहा, एफटीए में, न्यूजीलैंड से सेब के आयात के लिए एक संतुलित और सुनिर्दिष्ट बाजार पहुंच प्रदान की गई है ताकि यह पक्का किया जा सके कि घरेलू किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा हो।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।