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    भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होगा व्यापार समझौता, जानिए क्या हैं US राष्ट्रपति के बयान के मायने?

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 10:03 PM (IST)

    भारत और अमेरिका के बीच अगले सप्ताह तक अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा हो सकती है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसके संकेत दिए हैं। वार्ता में भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल अमेरिका में हैं। समझौते से पहले दोनों देश मिनी ट्रेड डील चाहते हैं ताकि शुल्क के झंझटों से बचा जा सके। भारत कृषि सेक्टर से जुड़े कुछ आइटम पर शुल्क मुक्त कर सकता है।

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    भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होगा व्यापार समझौता। (फाइल फोटो)

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच अगले सप्ताह तक अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा की जा सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि भारत के साथ अमेरिका बड़ा व्यापार समझौता करने जा रहा है।

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    हालांकि यह सबकुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि अंतरिम व्यापार समझौते की वार्ता में भारत ने क्या रुख अपनाया है। व्यापार समझौते को लेकर होने वाली वार्ता में भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल अभी अमेरिका में है जहां दोनों देशों के बीच बातचीत पूरी हो गई है।

    द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही बात

    दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर वार्ता चल रही है। इस समझौते से पहले भारत और अमेरिका दोनों ही एक मिनी ट्रेड डील या अंतरिम व्यापार समझौता चाहते हैं ताकि पारस्परिक शुल्क के झंझट को टाला जा सके।

    अमेरिका ने किया है पारस्परिक टैरिफ लगाने का फैसला

    गत दो अप्रैल को अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे आठ अप्रैल को आगामी 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। आगामी आठ जुलाई को यह अवधि समाप्त हो रही है। सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिका के समक्ष व्यापार समझौते को लेकर अपना रुख साफ कर चुका है और अब फैसला अमेरिका के हाथ में है। अगर अमेरिका भारतीय पेशकश को मान लेता है तो पूरी उम्मीद है कि अगले सप्ताह में समझौते का ऐलान हो जाएगा।

    इन वस्तुओं को मिलेगी टैरिफ से छूट

    सूत्रों का कहना है कि भारत कृषि सेक्टर से जुड़े सेब, पिस्ता जैसे कुछ आइटम को भारत में आयात के लिए शुल्क मुक्त कर सकता है। हालांकि अमेरिका चाहता है कि सोयाबीन और मक्के के लिए भी भारत अपना दरवाजा खोल दे। अमेरिका का सोयाबीन जेनेटिकली मोडिफायड (जीएम) है जिसके आयात की भारत में इजाजत नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि सोया तेल और एक सीमा तक सोयाबीन और मक्के के आयात को भारत मंजूरी दे सकता है।

    अमेरिका अपने ऑटोमोबाइल्स (कार व बाइक), शराब पर भी शुल्क में कटौती चाहता है। इसके अलावा अमेरिका चाहता है कि भारत बड़े पैमाने पर उससे पेट्रोलियम पदार्थ, हवाई जहाज व अन्य रक्षा सौदा करे।अंतरिम या मिनी डील होने पर भारत से टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स व ज्वैलरी, इंजीनियरिंग गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात पर शुल्क में छूट मिल जाएगी जिससे अमेरिका के बाजार में इन वस्तुओं का निर्यात काफी बढ़ सकता है।

    समझौता नहीं हुआ तो टल सकता है पारस्परिक शुल्क

    जानकारों का कहना है कि अगर किसी कारणवश भारत अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता नहीं हो पाता है तो भी भारत को कोई घाटा नहीं होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में पूरी उम्मीद है कि अमेरिका पारस्परिक शुल्क की अवधि को आगे के लिए बढ़ा देगा और भारतीय वस्तुओं पर फिलहाल की तरह 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। इससे भारतीय निर्यातकों के आर्डर प्रभावित नहीं होंगे।

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