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    'अमेरिका से नहीं होगी कोई बात', ट्रंप के वार्ता वाले बयान को ईरान ने किया खारिज; कहा- हमारे बीच कोई समझौता नहीं

    ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि अमेरिका के साथ परमाणु मसले पर वार्ता फिर से शुरू करना जटिल है क्योंकि अमेरिका ने ईरानी परमाणु संयंत्रों पर हमला करके स्थिति बिगाड़ दी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वार्ता को बहाल करने के संबंध में ईरान और अमेरिका के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है और न ही कोई समय निर्धारित हुआ है।

    By Agency Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Fri, 27 Jun 2025 09:52 PM (IST)
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    परमाणु वार्ता अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद ईरान का रुख सख्त। (फाइल फोटो)

    एपी, तेहरान। परमाणु मसले पर अमेरिका के साथ ईरान की वार्ता का फिर शुरू होना बहुत जटिल है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला करके स्थिति बिगाड़ दी है। इससे दोनों देशों के बीच समझौते की संभावना को गंभीर नुकसान हुआ है।

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    यह बात ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कही है। विदित हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान के साथ परमाणु मसले पर अगले सप्ताह फिर से वार्ता शुरू होने का बयान दिया है।

    अमेरिका से कोई बातचीत नहीं करेगा ईरान

    ईरान के सरकारी टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में अरागची ने परमाणु मसले पर अमेरिका के साथ वार्ता के फिर से शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया, लेकिन इसके जल्द शुरू होने से इनकार किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा, वार्ता को बहाल करने के संबंध में हमारे (ईरान और अमेरिका) बीच कोई समझौता नहीं हुआ है। वार्ता के लिए कोई समय निर्धारित नहीं हुआ है, कोई वादा नहीं किया गया और न ही यह कहा गया है कि वार्ता दोबारा शुरू होगी।

    मामले में अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप ने स्थितियों को बहुत जटिल और बहुत कठिन बना दिया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए तेहरान समेत ईरान के बाकी शहरों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान तकरीर में इमामों ने सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के गुरुवार को दिए संदेश में किए गए इजरायल पर जीत के दावे को दोहराया।

    ईरान ने जासूसी के आरोप में कई लोगों को जेल में किया बंद

    इस दौरान ईरान के उप मुख्य न्यायाधीश मौलवी हामजेह खलीली ने कहा, इजरायल के लिए जासूसी करने वाले लोगों से अदालतें अलग तरीके से निपटेंगी। इजरायल से युद्ध के दौरान 12 दिनों में ईरान ने अपने कई नागरिकों को दुश्मन देश के लिए जासूसी करने का दोषी मानते हुए उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया था। इस आरोप में अभी बहुत से लोग जेलों में बंद हैं।

    इजरायल ने किया था ईरान पर हमला

    इजरायल ने 13 जून को जिस तरह से ईरान पर लक्षित हमला किया और ईरान के भीतर से ही ड्रोन हमले कर ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाया, उससे माना गया कि ईरान के भीतर से ही इजरायली खुफिया संगठन मोसाद को सूचना दी गई और मदद की गई। बाद में मोसाद ने भी कहा कि उसके ईरान में मौजूद एजेंटों ने इजरायली सेना के हवाई हमलों को सफल बनाने में बहुत मदद की।