पूर्वी लद्दाख में LAC के नजदीक चीनी सेना की हिमाकत, हेलिकॉप्टरों की गतिविधियां बढ़ाईं
चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC के समीप अपने इलाके में हेलीकॉप्टरों की गतिविधियां बढ़ा दी है। चीनी सेना एलएसी के करीब अपने ठिकानों पर हथियार जमा कर रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ/पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को दूर करने की कवायदों के बीच चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control यानी LAC) के समीप अपने इलाके में हेलिकॉप्टरों की गतिविधियां बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, चीनी हेलिकॉप्टरों की गतिविधियों में पिछले सात से आठ दिनों में काफी तेजी देखी गई है। सूत्रों ने बताया है कि हेलिकॉप्टरों की तेज गतिविधियों का कारण LAC के साथ विभिन्न स्थानों पर तैनात चीनी सैनिकों को मदद प्रदान करना हो सकता है।
Mi-17s हेलिकॉप्टर भी किया तैनात
सूत्रों की मानें तो एलएसी के समीप तैनात चीनी हेलिकॉप्टरों के बेड़े में Mi-17s और मध्यम-लिफ्ट दोनों तरह के चौपर शामिल हैं। बीते कुछ महीनों में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय इलाकों के चारो ओर बड़े पैमाने पर चीनी हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। इन इलाकों में गलवान क्षेत्र भी शामिल है। सूत्रों ने यह भी बताया कि एक समय तो चीनी हेलिकॉप्टर गलवान इलाके में भारत के सड़क निर्माण स्थल पर भी मंडराया था। चीन ऐसी हरकतें आम हैं और वह अक्सर ही उसके हेलिकॉप्टर हवाई सीमा का उल्लंघन करके LAC पर भारतीय इलाकों के पास गश्त करते रहे हैं।
हमारी वायुसेना ने भी दिया था जवाब
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की इन्हीं हिमाकतों ने पिछले महीने भारतीय वायु सेना को भी लद्दाख में अपने लड़ाकू जेट की गश्त के लिए मजबूर किया गया था। उस वक्त भी चीनी सेना के हेलिकॉप्टरों को एलएसी के करीब उड़ान भरते हुए पाया गया था। यह घटना उस वक्त हुई थी जब मई के पहले और दूसरे हफ्ते में चीनी सैनिकों के साथ और भारतीय जवानों की झड़पें हुई थीं। उस दौरान चीनी सेना के हेलिकॉप्टरों ने एलएसी के काफी करीब से उड़ान भरी थी। इस हिमाकत के बाद ही भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भी इलाके में पेट्रोलिंग की थी।
एक ओर वार्ता का दिखावा दूसरी ओर हिमाकत
चीन के केवल यही हिमाकत नहीं कर रहा है। एकओर वह गतिरोध सुलझाने के लिए बातचीत करने का दिखावा कर रहा है जबकि दूसरी ओर युद्ध की तैयारियों का प्रोपगैंडा फैलाने में जुटा है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, अभी हाल ही में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने देश के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों की विशेषता वाले बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया। रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले की मानें तो चीन यह धारणा बनाने की कोशिश करने पर तुला है कि उसके योद्धा उच्च ऊंचाई की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
हथियारों का जमावड़ा कर रहा चीन
सूत्रों की मानें तो चीनी सेना क्रमबद्ध तरीके से अपने रणनीतिक साजो सामान को वास्तविक नियंत्रण रेखा स्थित ठिकानों पर जमा कर रही है। इनमें तोप, बख्तरबंद गाड़ियां, भारी सैन्य उपकरण शामिल हैं। चीन ने उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड से लगती एलएसी सीमा पर भी सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इसके जवाब में भारत ने भी इन इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। भारतीय सेना ने यह भी फैसला किया उसके जवान पेंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक, दौलत बेगी ओल्डी सहित सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों का मुखरता से जवाब देंगे।
चीनी विमानों ने भी भरी थी उड़ान
चीन ने यह हिमाकत कोई पहली बार नहीं की है। बीते दिनों भी एलएसी के समीप पूर्वी लद्दाख से 30-35 किलोमीटर दूर चीनी सेना के लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी थी। चीन ने वहां 10-12 लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा रखा था जिन्होंने भारतीय क्षेत्र के करीब से उड़ान भरी थी। इन विमानों ने होटन और गरगांसा में हवाई ठिकानों से उड़ान भरी थी जो लद्दाख में हमारे क्षेत्र से 30-35 किलोमीटर दूर है। यह अभ्यास अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, भारतीय क्षेत्रों से 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर किया गया था।