छत्तीसगढ़ः हाईवे पर रील बनाना पड़ा भारी, हाईकोर्ट पहुंचा मामला; पुलिस को कठोर कार्रवाई न करने पर लगी फटकार
बिलासपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर रील बनाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है। जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई न करने पर सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने पूछा कि हाईवे पर यातायात बाधित करने पर मामूली जुर्माना क्यों लगाया गया? राज्य सरकार से एफिडेविट में जवाब मांगा गया है।

डिजिटल डेस्क, बिलासपुर। बिलासपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर रील बनाना कुछ रईसजादों को भारी पड़ गया है। अब यह मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर बिलासपुर पुलिस को तगड़ी फटकार लगाई है।
छत्तीसगढ़ में दो जजों की बेंच जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु ने मामले गंभीर चिंता जताते हुए पुलिस के द्वारा कड़ी कार्रवाई न करने पर सवाल खड़े किए हैं।
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पुलिस से पूछा सवाल
हाईकोर्ट ने बिलासपुर पुलिस से पूछा कि मुख्य हाईवे पर इस तरह से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया गया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने मामूली जुर्माना लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। आखिर क्यों? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से लिखित एफिडेविट में जवाब मांगा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल बिलासपुर के नेशनल हाईवे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। जहां, रील बनाने के लिए कुछ लोगों ने गाड़ियों से हाईवे ब्लॉक कर दिया था। मुख्य आरोपी की पहचान वेदांश वर्मा के रूप में हुई है। वेदांश ने काले रंग की नई SUV कार खरीदी थी। ऐसे में वेदांश नई कार के साथ बिलासपुर-रायपुर हाईवे पर दोस्तों के साथ रील बना रहा था। इस दौरान हाईवे ब्लॉक कर दिया गया था।
पुलिस ने काटा था चालान
घटना की जानकारी मिलने के बाद बिलासपुर पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत मामूली चालान काटा और आरटीओ को पत्र लिखकर ड्राइवर का लाइसेंस रद करने की अपील की। हालांकि, रईसदाजा होने के कारण पुलिस ने वेदांश के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी, जिसपर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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