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'मां बनने की सबसे सही उम्र 22 से 30 वर्ष', हिमंत बिस्वा सरमा बोले- लंबे समय तक नहीं करनी चाहिए प्रतीक्षा

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी और संबंध बनाने वाले हजारों लोग अगले पांच से छह महीनों में गिरफ्तार होंगे भले ही उन्होंने वैध तरीके से शादी की हो। लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaPublished: Sat, 28 Jan 2023 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2023 10:20 PM (IST)
'मां बनने की सबसे सही उम्र 22 से 30 वर्ष', हिमंत बिस्वा सरमा बोले- लंबे समय तक नहीं करनी चाहिए प्रतीक्षा
'मां बनने की सबसे सही उम्र 22 से 30 वर्ष': हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी, पीटीआई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि मां बनने की सबसे सही उम्र 22 से 30 वर्ष के बीच है। महिलाओं को उचित उम्र में ही मां बनना चाहिए, अन्यथा चिकित्सीय जटिलताएं होती हैं। उनकी सरकार कम उम्र में विवाह और इस दौरान बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राज्य सरकार ने बाल विवाह और कम उम्र में मां बनने की परिपाटी को रोकने के लिए सख्त कानून लाने और यौन अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए बने कानून पाक्सो की धाराओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।

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लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल

हिमंत ने एक कार्यक्रम में कहा कि 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी और संबंध बनाने वाले हजारों लोग अगले पांच से छह महीनों में गिरफ्तार होंगे, भले ही उन्होंने वैध तरीके से शादी की हो। लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है। जो इससे कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ भी बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। हिमंत ने कहा कि मां बनने की उचित उम्र 22 से 30 वर्ष है। महिलाओं को मां बनने को लेकर लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उम्र बढ़ने पर जटिलताएं बढ़ती हैं।

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उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि जिन महिलाओं ने अब तक शादी नहीं की है उन्हें परिणय सूत्र में बंध जाना चाहिए। गौरतलब है कि असम मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि जो पुरुष 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ पाक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार 14 से 18 साल उम्र तक की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत कार्रवाई होगी।

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