Bhima Koregaon case: भीमा कोरेगांव मामले में अमेरिकी जांच ब्यूरो की मदद लेगी पुणे पुलिस
Bhima Koregaon case भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अमेरिकी जांच ब्यूरो की मदद लेने के लिए भारत के फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम पुणे पुलिस के साथ अमेरिका जाएगी।
पुणे, एएनआइ। Bhima Koregaon case भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी वरवारा राव के घर से बरामद की गई हार्ड डिस्क के डेटा को पुन: प्राप्त करने के लिए पुणे पुलिस अमेरिका स्थित जांच ब्यूरो (एफबीआई) की मदद लेगी, इसके लिए भारत के फोरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस की एक टीम जल्द ही अमेरिका रवाना होगी।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही पुणे ग्रामीण पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे सहित 163 लोगों को नोटिस जारी किया था। एक जनवरी को कोरेगांव भीमा लड़ाई की 202वीं वर्षगांठ और भीमा कोरेगांव मामले की दूसरी वर्षगांठ है। इसके मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने ये नोटिस जारी किया गया था।
मिली जानकारी केअनुसार पुणे की पुलिस ने एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा युद्ध की 202वीं सालगिरह से पहले दक्षिणपंथी नेताओं मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे समेत करीब 160 लोगों को नोटिस जारी किया। एकबोटे को पिछले साल एक जनवरी को कोरेगांव भीमा युद्ध के 200 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम में कोरेगांव भीमा गांव में लोगों को उकसाने और हिंसा भड़काने के मामले में मार्च 2018 में हिरासत में भी लिया गया था। अब तक इस मामले में भिडे और एकबोटे समेत 163 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। जिले में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये नोटिस हर उस व्यक्ति के लिए जारी किया गया है। जिनकेखिलाफ इस मामले में हिंसा के संबंध में मामला दर्ज है।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में हुई यलगार परिषद के बाद 1 जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव हिंसा हुई थी। पुणे पुलिस के अनुसार यलगार परिषद का आयोजन प्रतिबंधित माओवादी संगठनों के सहयोग से किया गया था। इस मामले में पुलिस को आनंद तेलतुंबड़े की कई माओवादियों से बातचीत के सबूत मिले थे।