Mumbai: IIT बांबे में अतिथि वक्ता को आमंत्रित करने से पहले लेनी होगी अनुमति, फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए भी मंजूरी जरूरी
कार्यक्रमों के लिए आयोजन को मंजूरी देने से पहले डीन निदेशक द्वारा नियुक्त समिति से स्वीकृति लेंगे। आइआइटीबी निदेशक द्वारा अतिथि वक्ता समीक्षा समिति बनाई जाएगी जो वक्ता के बायोडाटा सहित अन्य विवरणों की समीक्षा करेगी।जानकारी उस संकाय सदस्य द्वारा दी जाएगी जो कार्यक्रम/वार्ता/सेमिनार की मेजबानी करना चाहता है।वृत्तचित्रों/फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए भी मंजूरी जरूरी होगी। लेकिन अगर विषय गैर-राजनीतिक है तो अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है।

पीटीआई, मुंबई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बांबे (आइआइटीबी) ने दिशानिर्देश जारी कर अपने संकाय सदस्यों से कहा है कि अगर वे राजनीतिक या उन विषयों पर चर्चा के लिए अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित करना चाहते हैं जिन पर विवाद हो सकता है तो इसके लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी। इन विषयों पर वृत्तचित्रों/फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए भी मंजूरी जरूरी होगी। लेकिन अगर विषय गैर-राजनीतिक है तो अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है।
दिशानिर्देशों के अनुसार संकाय सदस्यों को अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित करने, या वृत्तचित्रों/फिल्मों की स्क्री¨नग से पहले शैक्षणिक इकाई के प्रमुख से पूर्व मंजूरी लेनी होगी चाहे यह उनकी शैक्षणिक गतिविधि का हिस्सा हो। छात्र केवल परिसर के मान्यता प्राप्त निकाय के माध्यम से और डीन की मंजूरी के बाद कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं।
कार्यक्रमों के लिए आयोजन को मंजूरी देने से पहले डीन निदेशक द्वारा नियुक्त समिति से स्वीकृति लेंगे। आइआइटीबी निदेशक द्वारा अतिथि वक्ता समीक्षा समिति बनाई जाएगी जो वक्ता के बायोडाटा सहित अन्य विवरणों की समीक्षा करेगी। जानकारी उस संकाय सदस्य द्वारा दी जाएगी जो कार्यक्रम/वार्ता/सेमिनार की मेजबानी करना चाहता है।
11 नवंबर को किया गया विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि आइआइटी बांबे की प्रोफेसर और अतिथि वक्ता के खिलाफ 11 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया गया था। इन पर फलस्तीनी आतंकी के महिमामंडन का आरोप है। प्रदर्शनकारियों ने मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और वामपंथी अतिथि वक्ता सुधान्वा देशपांडे की गिरफ्तारी की मांग की थी।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार सुधान्वा ने वर्चुअल लेक्चर के दौरान छह नवंबर को फलस्तीनी आतंकी जकारिया जुबैदी का महिमामंडन किया। जुबैदी, अल-अक्सा ब्रिगेड से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में पुलिस से की गई शिकायत में विद्यार्थियों ने दावा किया है कि प्रोफेसर शर्मिष्ठा ने पाठ्यक्रम के बहाने झूठी बातों पर विद्यार्थियों को यकीन दिलाने के लिए देशपांडे को आमंत्रित करने के वास्ते अपने पद का दुरुपयोग किया।
आइआइटीबी के फैकल्टी फोरम ने किया प्रोफसर शर्मिष्ठा का समर्थन
मिडडे के अनुसार आइआइटीबी के फैकल्टी फोरम ने प्रोफसर शर्मिष्ठा का समर्थन किया है। 14 नवंबर को लिखे पत्र के माध्यम से, आइआइटीबी के फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष प्रोफेसर राजकुमार पंत ने कहा कि फोरम प्रोफेसर शर्मिष्ठा के खिलाफ गलत सूचना पैलाए जाने, उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने और फोन काल कर धमकी दिए जाने की निंदा करता है। पत्र में लिखा है कि प्रोफसर शर्मिष्ठा के बारे में लगाए गए आरोप झूठे हैं।
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