Move to Jagran APP

Onion Export Ban: महाराष्ट्र के कई जिलों में चुनावी मुद्दा बनेगा प्याज निर्यात पर बैन, ये लोकसभा सीटें फंसा सकती हैं पेंच

प्याज की कीमतें अक्सर चुनावों में संवेदनशील मुद्दा बनती रही हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें स्थिर रखने के लिए प्याज के निर्यात पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का यह निर्णय देश के अन्य भागों में उसे राहत दे सकता है लेकिन सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Tue, 26 Mar 2024 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2024 07:36 PM (IST)
महाराष्ट्र के कई जिलों में चुनावी मुद्दा बनेगा प्याज निर्यात पर प्रतिबंध। (फाइल फोटो)

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। प्याज की कीमतें अक्सर चुनावों में संवेदनशील मुद्दा बनती रही हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें स्थिर रखने के लिए प्याज के निर्यात पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का यह निर्णय देश के अन्य भागों में उसे राहत दे सकता है, लेकिन सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के कई जिलों में यह बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।

loksabha election banner

केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष आठ दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। लेकिन बंगलादेश, संयुक्त अरब अमीरात जैसे मित्र देशों के लिए पूर्व मंजूरी के आधार पर प्याज निर्यात जारी है। व्यापारियों को अनुमान था कि सरकार 31 मार्च, 2024 के बाद प्याज निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा देगी। क्योंकि निर्यात प्रतिबंध लागू होने के कारण स्थानीय स्तर पर प्याज की कीमतें आधी हो गई हैं। साथ ही चालू सीजन की फसल से ताजा आपूर्ति भी चालू हो गई है। लेकिन सरकार के नए फैसले से महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों और निर्यातकों, दोनों को झटका लगा है।

महाराष्ट्र में साल में तीन बार होती है प्याज की खेती

वैसे तो प्याज महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान आदि राज्यों में भी होता है। लेकिन 45.53 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र इन सब में सबसे आगे है। क्योंकि महाराष्ट्र में प्याज की खेती साल में तीन बार होती है। प्याज की खेती में नासिक, धुले, जलगांव, अहमदनगर और पुणे जिले अग्रणी हैं।

चार जिलों में 40 प्रतिशत कम हुई प्याज की खेती

पिछले साल मानसून अच्छा न रहने के कारण इस वर्ष उत्तरी महाराष्ट्र के चार जिलों में प्याज की खेती वैसे ही 40 प्रतिशत कम हुई है। नासिक में 2022-23 में प्याज का रोपण 2.21 लाख हेक्टेयर था। जो 2023-24 में घटकर 1.26 लाख हेक्टेयर हो गया है। नासिक की लासलगांव प्याज मंडी एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। निर्यात के लिए उत्तम गुणवत्ता का प्याज देने में भी यही मंडी सबसे आगे है।

किसानों-व्यापारियों के परिवार प्याज की खेती पर निर्भर

चूंकि महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों में बड़ी संख्या में किसानों और व्यापारियों के परिवार प्याज की खेती, व्यापार अथवा परिवहन पर निर्भर करते हैं। इनमें नासिक और दिंडोरी, दो लोकसभा क्षेत्र तो पूरी तरह से प्याज की खेती पर ही निर्भर हैं। यही कारण है कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस ने उनकी एक बड़ी सभा प्याज उत्पादक चांदवड़ क्षेत्र में ही आयोजित की थी। जिसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के अलावा, राकांपा (शपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार तथा शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए थे।

भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी

अब सरकार के नए निर्णय ने विपक्ष को उस पर हमला करने के लिए नए सिरे से हथियार उपलब्ध करा दिए हैं। बारामती से राकांपा (शपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। पिछले आठ महीनों से हम इस सरकार से किसानों को उचित मूल्य दिलवाने का निवेदन करते आ रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य से यह सरकार किसान विरोधी ही साबित हुई है।

ये भी पढ़ें: Maharashtra News: ठाणे में नाबालिग को धार्मिक नारा लगाने को उकसाया, पांच लोगों पर केस दर्ज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.