Jharkhand Election News: झारखंड की इस सीट पर होगी कांटे की टक्कर, ये उम्मीदवार लड़ रहे हैं चुनाव
चतरा संसदीय सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होगी। यहां भाजपा जीतेगी तो हैट ट्रिक होगी और यदि कांग्रेस जीती तो चार दशक का वनवास टूटेगा। दोनों प्रत्याशी चतरा के दंगल में नए हैं और दोनों के मुद्दे भी एक जैसे ही हैं। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का वोट बैंक भी काफी कम हैं।

जागरण संवाददाता, चतरा। चतरा संसदीय क्षेत्र में इस बार मुकाबला आमने-सामने का है। भाजपा जीतेगी, तो हैट ट्रिक होगी और यदि कांग्रेस जीती, तो चार दशक का वनवास टूटेगा। दोनों प्रत्याशी चतरा के दंगल में नए हैं।
दोनों स्वयं को स्थानीय का दंभ भर रहे हैं। उनके मुद्दे भी कमोबेश एक जैसे हैं। मजे की बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस ने जिन्हें प्रत्याशी बनाया है, उनकी जाति का वोट बैंक बहुत नहीं है।
इनके बीच है मुकाबला
भारतीय जनता पार्टी ने कालीचरण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कालीचरण सिंह भूमिहार जाति से संबंध रखते हैं। संसदीय क्षेत्र में भूमिहार वोटरों की संख्या 25 से 30 हजार के करीब है। कांग्रेस ने कृष्णा नंद त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।
केएन त्रिपाठी जाति से ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण वोटों की संख्या भी करीब करीब डेढ़ से दो प्रतिशत है। भाजपा 2014 और 2019 का चुनाव भारी मतों के अंतर से जीती थी। भाजपा प्रत्याशी सुनील कुमार सिंह 2014 में कांग्रेस को 1.77 लाख वोटों के अंदर से पराजित किए थे।
संसदीय इतिहास में इतने मतों से जीत का नया कीर्तिमान स्थापित हुआ था। सुनील सिंह 2019 के चुनाव में अपने ही कीर्तिमान को ध्वस्त करते हुए जीत के अंतर को और विशाल बना दिया थे। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज यादव को 3.77 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था।
भाजपा ने सुनील सिंह को नहीं दिया टिकट
भाजपा ने कांग्रेस सहित किसी उम्मीदवार की जमानत नहीं बचने दी थी। पार्टी ने इस बार सुनील सिंह को टिकट नहीं दिया। उनके स्थान पर स्थानीय निवासी और प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष कालीचरण सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व, संगठन के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता और स्थानीयता का आसरा है और उन्हीं आश्रय पर नया कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं। कहते हैं कि पिछले बार की जीत का कीर्तिमान को ध्वस्त करते हुए नया रिकॉर्ड बनाएंगे। वे अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से अस्वस्थ नजर आ रहे हैं।
केएन त्रिपाठी ने भाजपा को लेकर किया ये दावा
दूसरी ओर आईएनडीएआईए प्रत्याशी केएन त्रिपाठी मुस्लिम, यादव, ईसाई, ब्राह्मण को आधार मान रहे हैं। कहते हैं कि समय परिवर्तनशील है। भाजपा अब उस स्थिति में नहीं है कि यहां से चुनाव जीत सके। पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब है। चतरा की सीट पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है।
दस साल तक भाजपा के सांसद रहे, लेकिन उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है। बहरहाल दोनों के अपने-अपने दावे हैं। मतगणना के बाद ही हार और जीत का फैसला होगा। यह स्पष्ट है कि मुकाबला नजदीकी है। हार एवं जीत का फासला 30 से 40 हजार के बीच हो सकता है।
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