MP News: पांच टन वजनी स्क्रैप से तैयार किया गया 'रुद्र वीणा', विश्व की सबसे बड़ी वीणा बढ़ाएगी भोपाल की शोभा
Rudra Veena Bhopal पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य ने कबाड़ से एक रुद्र वीणा तैयार किया है। पांच टन वजन के इस रुद्र वीणा की लंबाई 28 फीट है। कलाकार पवन देशपांडे ने कहा कि रुद्र वीणा में एक म्यूजिक सिस्टम भी लगाया जाएगा।

भोपाल, जागरण डेस्क। कबाड़ से रेडियो, गिटार, नगर निगम का लोगो, ग्लोब और कोरोना वैक्सीन की शिल्पकृति तैयार की गई है। इन सभी चीजों के अलावा भोपाल के दो कलाकारों ने अपनी कलाकारी दिखाते हुए कबाड़ से रुद्र वीणा तैयार किया है।
पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य ने कबाड़ से एक रुद्र वीणा बनाया है। जी हां, इन दोनों कलाकारों ने कबाड़ से हासिल की गई चीजों से विभिन्न कलाकृतियां बनाई है, जो वल्लभ भवन सहित कई जगहों की शोभा बढ़ा रहा हैं। पांच टन वजन के इस रुद्र वीणा की लंबाई 28 फीट, ऊंचाई 12 फीट और चौड़ाई 10 फीट है। इस रुद्र वीणा को कहां स्थापित किया जाएगा, इसको लेकर अभी कुछ तय नहीं हो सका है।
लगाया जाएगा म्यूजिक सिस्टम
कलाकार पवन देशपांडे ने कहा कि रुद्र वीणा में एक म्यूजिक सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि लोग वीणा के मधुर संगीत का पूरा आनंद ले सकें। बता दें कि रुद्र वीणा को बनाने में लगभग 15 लाख रुपए का खर्च आया है। कबाड़ से कंचन थीम देते हुए इस वीणा को तैयार करने का मकसद केवल भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है। पवन ने कहा कि रुद्रवीणा हमारी पुरातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन नई पीढ़ी इसके बारे में ज्यादा नहीं जानती। इसलिए इस कलाकृति को बनाने का विचार हमारे साथियों ने ही दिया।
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कैसे तैयार हुई रुद्र वीणा
रुद्र वीणा को तैयार करने से लिए स्क्रैप जैसे चेन, गियर, बाल बेयरिंग और तारों का इस्तेमाल किया गया है। कलाकारों ने दावा किया है कि रुद्र वीणा की ये कलाकृति दुनिया में तैयार होने वाली सबसे बड़ी कलाकृति है। इसे तैयार करने के लिए पवन और देवेंद्र के अलावा टीम के 8 मेंबरों ने भी दो महीने तक 8 घंटे काम किया है। पवन ने कहा कि रुद्र वीणा को तैयार करना बिल्कुल आसान नहीं था। इसकी तैयारी में ही लगभग 4 महीने लग गए। डिजाइन में सबसे ज्यादा समय लगा।
8 मेंबर की टीम ने तैयार की वीणा
कलाकार पवन ने कहा कि कबाड़ से इसको तैयार करने के लिए लोहे के छोटे टुकड़े को लगाने से पहले खास ध्यान रखा जाता है। 8 मेंबर की टीम ने सबसे पहले कबाड़ से रेडियो तैयार किया था। पुरानी वस्तुओं से कलाकृति बनाने के इस तरीके को निगम अधिकारियों द्वारा भी काफी पसंद किया गया और इसी को देखते हुए अन्य कलाकृतियों को भी तैयार करने का मौका दिया है। इस टीम में शालिनी देशपांडे, गजेंद्र शाक्य, सैयद फारूख, गुलफाम कुरैशी, गजेंद्र शाक्य, संतोष मुआसी, फैजान कुरैशी, फरहान अंसारी और अरविंद हर सहित अन्य कलाकार शामिल है।
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