चीन की साइबर आर्मी सक्रिय, कोरोना की मुफ्त जांच लिंक को करें इग्नोर, पढ़ें और भी खबरें...

कई ऐसी खबरें होती हैं जो सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए साप्ताहिक कॉलम ऑफिसर ऑन ड्यूटी के जरिये कुछ ऐसी ही खबरों पर नजर डालते हैं...

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2020 02:29 PM (IST)
चीन की साइबर आर्मी सक्रिय, कोरोना की मुफ्त जांच लिंक को करें इग्नोर, पढ़ें और भी खबरें...
चीन की साइबर आर्मी सक्रिय, कोरोना की मुफ्त जांच लिंक को करें इग्नोर, पढ़ें और भी खबरें...

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। कोरोना वायरस की बढ़ती मार से हर कोई चिंतित है। प्रदेश सरकार ने संक्रमण की जांच की फीस लगभग आधी कर दी है, ताकि मामूली लक्षण वाले लोग भी अपनी जांच करा सकें। दूसरी तरफ मुफ्त जांच कराने की आड़ में चीन की साइबर आर्मी ने व्यक्तिगत मेल, एसएमएस और वाट्स-एप सहित दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुफ्त जांच के लिंक भेजने शुरू कर दिए हैं। भूलकर भी इस लिंक पर क्लिक किया या फिर अपने बैंक खाते सहित अन्य जानकारी दी तो लेने के देने पड़ जाएंगे। केंद्र सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने बकायदा इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर सबको सचेत रहने को कहा है। सरकारी योजनाओं की आड़ में भी चीनी साइबर सेना लोगों का डाटा चुराने के फिराक में है, इसलिए मुफ्त जांच के लालच में कतई न पड़ें। वैसे भी सरकारी अस्पतालों में जाकर मामूली लक्षण वाले भी मुफ्त जांच करा सकते हैं।

अब ग्रुप-सी की भर्तियों का मेला

अगस्त 2018 का वह दौर आप भूले नहीं होंगे जब विभिन्न महकमों में खाली पड़े ग्रुप डी के 18 हजार 218 पदों के लिए एक साथ भर्तियां निकली। इसके बाद आवेदन से लेकर नवंबर में परीक्षाओं तक पूरे प्रदेश में मेले की स्थिति रही। प्रदेश में यही नजारा अब ग्रुप सी की भर्तियों में दिख सकता है। ग्रुप डी की भर्ती में सफल रहे प्रयोग को अब ग्रुप सी में भी आजमाने की तैयारी है। इसके लिए भर्ती पैटर्न में बदलाव होगा।

ग्रुप सी के हजारों रिक्त पदों को एक साथ भरने पर रायशुमारी के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी महकमों और बोर्ड-निगमों के अफसरों को बुलाया है। सभी को निर्धारित फार्मेट में महकमे में रिक्त ग्रुप सी के सभी पदों, पदनाम, पे-लेवल, स्वीकृत पदों की संख्या, सीधी भर्तियों और पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों के प्रतिशत सहित तमाम अन्य जरूरी जानकारियां साथ लानी होंगी।

काली भेड़ें न खा जाएं पौष्टिक आटा

सरकारी डिपुओं में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। सिस्टम में मौजूद 'काली भेड़' खुद डिपो होल्डरों के साथ मिलकर योजनाओं का पूरा फायदा लोगों तक नहीं पहुंचने दे रही। ताजा मामला राशन डिपुओं पर पौष्टिक आटा देने का है। पीजीआइ की सिफारिश पर अंबाला और करनाल में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, लेकिन जैसे ही इसका दायरा हिसार, यमुनानगर व रोहतक तक बढ़ा, सिस्टम में कई छेद उभर आए। आटे की गुणवत्ता को लेकर जिला स्तर पर उठी शिकायतों की गूंज विधानसभा में भी पहुंची। अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने साफ कर दिया है कि पांचों में जिलों में पांच-पांच डिपुओं पर आटे की जांच के बाद ही फैसला करेंगे कि भविष्य में पौष्टिक आटा दिया जाए या गेहूं। बहरहाल महिलाओं और गरीब परिवारों में कुपोषण दूर करने के लिए फोर्टिफाइड आटा देने की योजना खटाई में पड़ गई है।

विज का बेडरूम बन गया वार रूम

महामारी से जंग की रणनीति अब गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बेडरूम से तय हो रही है। यूं तो महामारी से निपटने के लिए अधिकृत वार रूम चंडीगढ़ में है, लेकिन जब से विज मोहाली के मैक्स अस्पताल से छुट्टी लेकर अंबाला स्थित निवास पर पहुंचे हैं, तमाम ऑफिशियल कार्य वहीं से निपटाए जा रहे हैं। बायीं जांघ के आपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे विज के पास छह महकमे ऐसे हैं जिनकी कोरोना काल में अहम भूमिका है। इसी वजह से उन्हेंं अपने बेडरूम को ही वार रूम बनाना पड़ गया। कभी गृह तो कभी स्वास्थ्य और आयुष तो कभी शहरी निकायों के अधिकारी फाइलें लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। इसके बाद शुरू हो जाता है बैठकों का दौर। इस दौरान कुशलक्षेम पूछने पहुंच रहे मंत्री-सांसद-विधायकों, विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही अपने स्थानीय समर्थकों के लिए भी विज समय बखूबी निकाल लेते हैं।

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