Loksabha Election 2019 : मायावती ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त फैसला

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आयोग भाजपा के लिए आंख-कान बंद कर रखे है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पूरी छूट दे रखी है लेकिन दलित नेता पर प्रतिबंध लगा दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 15 Apr 2019 10:05 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 08:43 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : मायावती ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त फैसला
Loksabha Election 2019 : मायावती ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त फैसला

जेएनएन, लखनऊ। भड़काऊ भाषण के आरोप में 48 घंटे चुनाव प्रचार से रोके जाने पर बसपा प्रमुख मायावती ने भारत निर्वाचन आयोग पर पक्षपातपूर्ण फैसले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग भाजपा के लिए आंख-कान बंद कर रखे है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पूरी छूट दे रखी है, लेकिन दलित नेता पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने आयोग पर जातिवाद का आरोप भी लगाते हुए फैसले पर पुनर्विचार की मांग भी की।

आयोग के फैसले से नाराज मायावती ने सोमवार रात पत्रकारों के समक्ष खुद पर लगे आरोपों की सफाई देते हुए कहा कि मुझे दिए गए नोटिस में भड़काऊ भाषण का जिक्र नहीं था। मैंने जाति-धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगा और न किसी की धार्मिक भावना को नहीं भड़काया है। उन्होंने कहा कि मेरा पक्ष सुने बिना प्रतिबंध लगा दिया और अधिकारों से क्रूरतापूर्वक वंचित कर दिया है। जल्दबाजी में लिए गए इस फैसले से आयोग के इतिहास में यह दिन काला दिवस के रूप में जाना जाएगा।

योगी पर प्रतिबंध से नहीं नुकसान

मायावती ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ पर जो प्रतिबंध लगाया गया उससे उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं होगा। मैं अपनी पार्टी की अध्यक्ष हूं इसलिए इससे मेरा ज्यादा नुकसान है। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को नफरत फैलाने के लिए छोड़ दिया है। केंद्र सरकार गत 5 वर्ष में हर मोर्चे पर विफल रही। इसी कारण जनता का ध्यान बांटने के लिए धार्मिक भावना भड़काने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

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हमें अली चाहिए और बजरंग बली भी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि धार्मिक भावना भड़काने की योगी आदित्यनाथ ने अली और बजरंगबली मुद्दे से शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि अली व बजरंगबली मेरे अपने हैं। बजरंगबली हमें जरूर चाहिए, क्योंकि वह मेरी जाति के पूर्वज हैं। यह बात भी योगी आदित्यनाथ ने ही बताई। हम कभी धर्म जाति के नाम पर वोट नहीं मांगते, बल्कि विकास व उत्थान की राजनीति करते है। भाजपा घिनौनी राजनीति करती है।

आगरा की सभा होगी

मायावती ने कहा कि मंगलवार को आगरा में होने वाली गठबंधन की संयुक्त रैली जरूर होगी, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव व रालोद अध्यक्ष अजित सिंह के साथ बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने देवबंद रैली में दिए अपने भाषण पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने दो अलग धर्मों से वोट बांटने की बात नहीं कही। दो मुस्लिम उम्मीदवार में से एक को वोट देने की बात कही, ताकि भाजपा को आसानी से हराया जा सके।

आजम खां पर चुप्पी साधी

मायावती ने करीब 35 मिनट के संबोधन में अपना पक्ष मजबूती से रखा, लेकिन आजम खां द्वारा जया प्रदा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर कुछ भी कहने से इनकार किया। उनका कहना था कि इससे निर्वाचन आयोग का मुद्दा गड़बड़ा जाएगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि आगरा में उनकी अनुपस्थिति में बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंचेंगे इसलिए केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहले आगरा व फतेहपुर सीकरी के लोगों से मिलने जाएंगी।

प्रधानमंत्री को रोके चुनाव आयोग : अखिलेश

चुनाव आयोग द्वारा बसपा अध्यक्ष मायावती के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे की रोक लगाए जाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल पूछा है। अखिलेश ने कहा कि क्या आयोग इसी तरह प्रधानमंत्री को सेना के नाम पर वोट मांगने से रोक सकता है। अखिलेश ने इससे जुड़ा प्रधानमंत्री का वक्तव्य भी ट्वीट में शामिल किया। चुनाव आयोग को टैग करते हुए यह सवाल उठाने के साथ ही अखिलेश ने गठबंधन की संयुक्त रैली और अपने नामांकन की तैयारियां तेज कर दी हैैं।

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