लालों की धरती पर नया सियासी घमासान, बेटे के लिए बीरेंद्र के इस्‍तीफे से गर्माया चुनावी माहौल

हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में सियासी माहौल काफी बदला हुआ है। इसके बीच बीरेंद्र सिंह के बेटे के लिए इस्‍तीफे से राज्‍य में चुनावी माहौल गर्मा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 10:39 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 08:48 PM (IST)
लालों की धरती पर नया सियासी घमासान, बेटे के लिए बीरेंद्र के इस्‍तीफे से गर्माया चुनावी माहौल
लालों की धरती पर नया सियासी घमासान, बेटे के लिए बीरेंद्र के इस्‍तीफे से गर्माया चुनावी माहौल

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। इस बार Lok Sabha Election 2019 में हरियाणा में माहाैल कुछ अलग है। सियासी गतिविधियों के चलते हरियाणा राष्ट्रीय फलक पर सुर्खियों में है। इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री पद से बेटे के लिए बीरेंद्र सिंह के इस्‍तीफे से सियासी माहौल गर्मा गया है। भाजपा को छोड़कर अभी तक किसी भी दल ने राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की, बावजूद इसके यहां का सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ है।

केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की राजनीति में एंट्री कराने के लिए पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों में आए तो ताऊ देवीलाल के खानदान के दो बड़े चिराग अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला के आमने-सामने डटने से यहां की सियासी जमीन एकाएक गरम हो गई है। हरियाणा में देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के राजनीतिक वारिस एकदूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने को तैयार हैं। राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होगा। भाजपा ने सभी और कांग्रेस ने छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

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राज्य में आम आदमी पार्टी और जननायक जनता पार्टी का गठजोड़ हो चुका है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप तीन तथा देवीलाल के पड़पोते सांसद दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी सात लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इस गठबंधन की कोशिश है कि किसी तरह भाजपा के विरुद्ध महागठबंधन तैयार कर कांग्रेस को भी इसमें शामिल कर लिया जाए। इस प्रयास के चलते न तो कांग्रेस अभी अपनी चार लोकसभा सीटें घोषित कर पा रही और न ही आप व जेजेपी के गठबंधन ने सीटों का बंटवारा किया है।

राज्य में बसपा और भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी के नेतृत्व वाली लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के बीच पहले ही गठजोड़ है। दलित व ओबीसी का यह गठजोड़ दूसरे दलों की चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है, लेकिन बसपा के हाथी की चाल टेढ़ी होने से इसके जेजेपी के साथ जाने की संभावना बनी हुई है।

भाजपा ने दो केंद्रीय मंत्रियों कृष्णपाल गुर्जर पर फरीदाबाद में और राव इंद्रजीत पर गुरुग्राम में फिर से दांव खेला है। कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा को भाजपा ने रोहतक में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के विरुद्ध प्रत्याशी बनाया है। बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार में टिकट दिया गया है।

हरियाणा के रण की अभी तक खास बात यह है कि देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल के खानदान के राजनीतिक वारिस चुनाव लड़ रहे हैं। देवीलाल के परिवार की जंग किसी से छिपी नहीं है। देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी राजनीतिक विरासत छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को सौंप रखी है। चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह और पोते दुष्यंत चौटाला अलग जननायक जनता पार्टी बना चुके हैं।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ में कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक रही हैं। उनकी मां किरण चौधरी कांग्रेस विधायक दल की नेता हैं। बंसीलाल के परिवार की राजनीतिक लड़ाई भी किसी से छिपी नहीं है, लेकिन लंबे अरसे बाद यह पहला मौका आने वाला है, जब श्रुति चौधरी को अपने ताऊ रणबीर महेंद्रा और फूफा सोमवार सिंह का साथ मिलने वाला है।

इसी तरह भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हिसार संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। गैर जाटों की राजनीति करने वाले कुलदीप बिश्नोई ने पिछले दिनों जाट नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नेतृत्व स्वीकार करने से साफ इन्कार कर दिया था। कुलदीप अपने बेटे भव्य बिश्नोई की लांचिंग कराने की तैयारी में हैं। वह पिछले दिनों विदेश में अपना इलाज कराकर लौटे हैं। लिहाजा वह हिसार में अपने बेटे भव्य के लिए कांग्रेस की टिकट की पैरवी कर रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा अंबाला से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं, तो दूसरी ओर नवीन जिंदल किसी 'अनजाने दबाव' में कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ने से इन्कार कर रहे हैं। बीरेंद्र सिंह के चौंकाने वाले फैसले के साथ ही हरियाणा की सियासत में काफी कुछ चौंकाने वाला चल रहा है हरियाणा का यह चुनाव देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला, पोते अभय चौटाला, बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी, छोटू राम के नाती बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह और भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई का राजनीतिक भविष्‍य तय करेगा।

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