खरीदने चाहते हैं इलेक्ट्रिक कार? जानें आप कितने बचा सकते हैं पैसे
बजट 2019 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई उपायों का प्रस्ताव दिया जो इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने की अत्यधिक संभावना रखते हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। तेजी से बढ़ती ईको-फ्रेंडली वाहनों की डिमांड को देखते हुए कार कंपनियां अपने नए-नए वाहनों को लॉन्च करने की तैयारी में जुट गई हैं। हाल ही में Hyundai ने भी अपनी Kona इलेक्ट्रिक एसयूवी को लॉन्च किया है। हमारे हिसाब से यह एक तरफ से उप्तादन की खपत को धक्का देने के लिए है जो उपभोक्ता और पर्यावरण को लाभान्वित कर सकता है। इसके साथ ही सरकार और स्थानीय निकाय थोड़ी बहुत प्रोत्साहन की भी बात कर देती हैं। अब, सरकार एक पल के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खपत को बढ़ावा देती दिख रही है।
बजट 2019 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई उपायों का प्रस्ताव दिया, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने की अत्यधिक संभावना रखते हैं। बजट 2019 में की गई घोषणा के बाद, इलेक्ट्रिक वाहन मध्यम आय वर्ग और वेतनभोगी वर्ग के लोगों के लिए अधिक किफायती होंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में दो प्रमुख घोषणाओं के बीच FM सीतारमण ने नई धारा 80EEB के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए लोन पर दिए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त इनकम टैक्स कटौती शुरुआत की है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दर 12 से कम करके 5 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा है। जिससे यह उन टैक्स पेयर को लोन की अवधि में लगभग 2.5 लाख रुपये का प्रभावी लाभ देगा जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोन लेंगे।
लेकिन, अब अगर बात करें हेवी इंडस्ट्रीज एंज पब्लिक एंटरप्राइजेज राज्य मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल की तो उन्होंने बीते हफ्ते साफ कहा है कि सरकार का इरादा फिलहाल कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है और केवल इन वाहनों के मालिकों को ही इंसेंटिव का फायदा दिया जाएगा, इसमें चाहे बाइक हो, कार हो, ट्रक हो, बस हो या ई-रिक्शा। अब ऐसे में निजी इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने पर कितना फायदा होगा यह तो आने वाले वक्त में पता चल ही जाएगा।
हालांकि, बजट के दौरान भाषण में साफ देखा जा रहा था कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य आम आदमी के लिए सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का विकल्प प्रदान करना है, लेकिन अगर सरकार सिर्फ कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देगी, तो निजी इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना काफी मुश्किल हो सकता है। बजट 2019 के अनुसार, केवल एडवांस्ड-बैटरी-ऑपरेटेड और रजिस्टर्ड ई-व्हीकल्स को तेजी से अपनाने और विनिर्माण (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहन (FAME) योजना के तहत प्रोत्साहन दिया जाना है। FAME के दूसरे चरण में तीन साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये का परिव्यय है, जो 01 अप्रैल, 2019 से शुरू हो चुका है।
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