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    अपनी कार लेने के लिए डाउन पेमेंट की जरूरत नहीं, इस स्कीम से उठा सकते हैं फायदा

    By Ankit DubeyEdited By:
    Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:26 AM (IST)

    ऑटोमोबाइल कंपनियां Hyundai Mahindra Mahindra Skoda और Fiat रिटेल ग्राहकों को कार लीजिंग सर्विस मुहैया करा रही है

    अपनी कार लेने के लिए डाउन पेमेंट की जरूरत नहीं, इस स्कीम से उठा सकते हैं फायदा

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अब आप अपनी सपनों की कार बिना किसी डाउनपेमेंट के घर ला सकते हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियां Hyundai, Mahindra & Mahindra, Skoda और Fiat रिटेल ग्राहकों को कार लीजिंग सर्विस मुहैया करा रही है। दिग्गज ऑटो कार निर्माता कंपनी Hyundai की वेबसाइट के मुताबिक Hyundai Grand i10 1.2 Era बेस पेट्रोल वेरिएंट 8,936 रुपये (GST के साथ) में लीज पर उपलब्ध है, जो कि 60 महीनों या 5 साल के लिए है। अगर यही मॉडल आप खरीदते हो तो ऑन-रोड कीमत 5.51 लाख रुपये की पड़ती है, जिसमें अगर आप 1 लाख रुपये की डाउन पेमेंट करते हैं तो आपकी 5 साल या 60 महीनों के लिए मासिक किस्त 9,599 रुपये महीना बनेगी, जो कि 10 फीसद ब्याज के साथ होती है।

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    कार लीजिंग योजना में, ग्राहक को किसी अन्य मॉडल पर स्विच करते समय रीसेल या फिर डाउन पेमेंट के झंझटों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक निश्चित मासिक शुल्क का भुगतान करके ही आप अपने सपनों की कार चला सकते हैं। लीजिंग का लॉक-इन पीरियड कम से कम 2 साल है जबकि अधिकतम 5 साल का भी है।

    यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि लीजिंग लंबी अवधि में खरीदने की तुलना में थोड़ी महंगी साबित हो सकती है। Hyundai की SUV Creta का 1.4 डीजल E+ पांच साल के लिए 17,642 रुपये (GST के साथ) में लीज पर लेते हैं। इसकी ऑन-रोड कीमत 11.39 लाख रुपये पड़ती है और इस कार पर 3 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करते हैं तो 5 साल के लिए आपको हर महीने 10 फीसद ब्याज दर के हिसाब से 17,845 रुपये चुकाने पड़ेंगे, जो कि आपको कुल 13.70 लाख रुपये की पड़ेगी। वहीं, अगर इसे लीज पर लेते हैं तो प्रत्येक महीने आपको 17,642 रुपये चुकाने होंगे। इस लागत में रखरखाव और बीमा लागत शामिल नहीं है। ऐसे में आपको लीजिंग अवधि में कुल 10.58 लाख रुपये चुकाने होंगे।

    अगर आप इसे पांच साल बाद 40 फीसद के डेप्रिशिएसन पर बेचते हैं, तो आपको 8.22 लाख रुपये मिलेंगे, जो कि आपकी लीजिंग कॉस्ट के मुकाबले करीब 2.36 लाख रुपये ही कम है। लीजिंग विकल्प आपके लिए तभी सही है जब आपके पास डाउन पेमेंट करने का पर्याप्त पैसा नहीं है। इसके फायदे और नुकसान दोनों ही हैं।

    हालांकि, इसमें सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आप समय से पहले लीज की किश्त देने में चूक गए तो आप पर कड़ा जुर्माना लगा दिया जाता है। छोटी अवधि के लिए मासिक किराया, दो से तीन साल महंगा पड़ जाता है और कार्यकाल समाप्त होने के बाद आपके पास वाहन भी नहीं होता। इसके अलावा अगर फायदे की बात करें तो इसका किराया EMI से कम होता है, खरीदारों को रखरखाव और बीमा लागत वहन करने की आवश्यकता नहीं होती और कोई भी दो से तीन साल बाद बिना किसी परेशानी के आप नए मॉडल में अपग्रेड हो सकते हैं।

    इसके अलावा कुछ सब्सक्रिप्शन स्कीम भी उपलब्ध हैं, जो Zap और Revv जैसे प्लेटफॉर्म द्वारा पेश की जाती हैं। इसका मासिक शुल्क शेष 36 महीनों की तुलना में पहले 12 महीनों के लिए अधिक है। लीजिंग से हटकर, सब्सक्रिप्शन स्कीम के तहत कार एक कमर्शिल लाइसेंस प्लेट के साथ आती है। हालांकि, सब्सक्रिप्शन लीजिंग की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल लॉक-इन पीरियड ऑफर करती है।

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