विदेश यात्रा में Gen-Z और मिलेनियल्स का बढ़ा दबदबा, ये देश बनें ट्रैवल के लिए भारतीयों की टॉप चॉइस
एक रिपोर्ट के अनुसार, Gen-Z और मिलेनियल्स भारतीय विदेश यात्रा की आदतों को बदल रहे हैं और कुल अंतरराष्ट्रीय यात्राओं का 90% हिस्सा इन्हीं का है। इस साल ...और पढ़ें

बदल गया भारतीयों के घूमने का तरीका (AI Generated Image)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीयों की विदेश यात्रा की आदतें तेजी से बदल रही हैं और इस बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं Gen-Z और मिलेनियल्स। एक ट्रैवल-बैंकिंग फिनटेक प्लेटफॉर्म की हालिया वार्षिक ट्रैवल रिपोर्ट के अनुसार, Gen-Z और मिलेनियल्स आज ग्लोबल ट्रैवल ट्रेंड्स को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं।
स्मार्ट प्लानिंग, अनुभवों को प्राथमिकता और बजट प्लानिंग, ये तीन बातें आज के युवा भारतीय यात्रियों की पहचान बन चुकी हैं। आइए जानें कि साल 2025 में भारतीय सबसे ज्यादा किन देशों में घूमने गए और इसमें Gen-Z और मिलेनियल्स का क्या योगदान रहा।
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(Picture Courtesy: Freepik)
Gen-Z और मिलेनियल्स ने की सबसे ज्यादा फॉरन ट्रिप
रिपोर्ट बताती है कि कुल इंटरनेशनल ट्रिप में से 90 प्रतिशत (9 में से 10) यात्राएं जेन Z और मिलेनियल्स ने कीं। इनमें से लगभग दो-तिहाई यात्राएं देश के बड़े महानगरों दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई से शुरू हुईं। यह आंकड़ा साफ तौर पर दिखाता है कि भारत के मेट्रो शहर आज भी आउटबाउंड ट्रैवल के सबसे बड़े हब बने हुए हैं, जहां युवा वर्ग की खर्च करने की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर ज्यादा है।
सोलो ट्रैवल का बढ़ा चलन
इस रिपोर्ट का एक और अहम पहलू है सोलो ट्रैवल का बढ़ता चलन। आंकड़ों के मुताबिक, 63.8 प्रतिशत यात्राएं अकेले यात्रियों ने की। यह ट्रेंड बताता है कि आज के युवा खुद को बेहतर तरीके से जानने, नई संस्कृतियों को करीब से समझने और अपनी शर्तों पर यात्रा करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, कपल्स की हिस्सेदारी 19.93 प्रतिशत रही, परिवारों की 12.26 प्रतिशत और ग्रुप ट्रैवल सिर्फ 4.01 प्रतिशत तक सीमित रहा। यह बदलाव पारंपरिक फैमिली ट्रिप्स से हटकर इंडिपेंडेंट ट्रैवल की ओर इशारा करता है।
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(AI Generated Image)
एशियाई देश रहे सबसे ज्यादा पसंदीदा ट्रैवल डेस्टिनेशन
डेस्टिनेशन की बात करें तो भारतीय यात्रियों की पहली पसंद शॉर्ट-हॉल एशियाई देश और उभरते सेंट्रल एशियन देश रहे। थाईलैंड 23.08 प्रतिशत के साथ सबसे आगे रहा, जबकि यूएई (21.57 प्रतिशत) दूसरे स्थान पर रहा। इसके अलावा जॉर्जिया, मलेशिया, फिलीपींस, कजाकिस्तान, वियतनाम और उज्बेकिस्तान जैसे देश भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यूके और सिंगापुर जैसे पारंपरिक डेस्टिनेशन भी टॉप लिस्ट में बने हुए हैं, हालांकि उनकी हिस्सेदारी पहले की तुलना में कम रही।

(Picture Courtesy: Instagram)
रिपोर्ट में फ्लाइट और वीजा ट्रेंड्स पर भी रोशनी डाली गई है। थाईलैंड, यूएई, मलेशिया, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान में फ्लाइट ग्रोथ सबसे ज्यादा देखी गई, जबकि दुबई, वियतनाम, सिंगापुर, हांगकांग और इंडोनेशिया के लिए वीजा बुकिंग में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बजट प्लानिंग में हुआ बड़ा बदलाव
खर्च के पैटर्न में भी बड़ा बदलाव नजर आया। विदेश यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा खर्च शॉपिंग पर हुआ, जो कुल खर्च का लगभग 47.28 प्रतिशत रहा। इसके बाद डाइनिंग (20.69 प्रतिशत) और ट्रांसपोर्टेशन (19.93 प्रतिशत) का नंबर आया। हैरानी की बात यह है कि होटल या अन्य ठहरने की व्यवस्था पर सिर्फ 9.09 प्रतिशत और एक्सपीरियंस पर महज 3.01 प्रतिशत खर्च किया गया, जो यह दिखाता है कि युवा यात्री बजट को लेकर काफी सजग हैं।
करीब 10 लाख से ज्यादा आउटबाउंड भारतीय यात्रियों के डाटा पर आधारित यह रिपोर्ट साफ संकेत देती है कि भारतीय ट्रैवलर अब सिर्फ घूमने नहीं, बल्कि सोच-समझकर, आजादी के साथ और एक्सपीरिएंस को ध्यान में रखकर दुनिया देखने निकल रहे हैं।

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