गांधीनगर काे क्यों कहते हैं देश की सबसे हरी-भरी राजधानी? वजह जान लेंगे तो करेंगे सलाम
गांधीनगर गुजरात की राजधानी भारत के सबसे हरे-भरे शहरों में से एक है। इसे मास्टर प्लान के तहत बसाया गया था जिसमें चौड़ी सड़कें हरे-भरे बेल्ट और कम घनी आबादी वाले सेक्टर शामिल हैं। 2002 में नरेंद्र मोदी ने इसे हरा-भरा बनाने का सुझाव दिया था। ये एक बेहद ही खूबसूरत शहर है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ऐसी कई जगहें हैं जो किसी न किसी वजहों से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। जैसे जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है, अमृतसर को गोल्डन तो जोधपुर को ब्लू सिटी कहा जाता है, ठीक उसी तरह गुजरात की राजधानी गांधीनगर काे ग्रीनेस्ट सिटी के नाम से जाना जाता है। जब भी कि जब भारत के प्लान किए गए शहरों की बात होती है, तो गांधीनगर का नाम जरूर लिया जाता है।
गुजरात की राजधानी के तौर पर मशहूर ये शहर न सिर्फ बेहतर शहर के विकास की मिसाल पेश करता है, बल्कि बेहतर पर्यावरण का भी जीता जागता उदाहरण है। इसे देश की सबसे हरी-भरी राजधानी भी कहा जाता है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको अपने इस लेख में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही गांधीनगर के इतिहास के बारे में भी बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से -
क्यों कहा जाता है ग्रीन सिटी?
आपको बता दें कि गांधीनगर को एक मास्टर प्लान के तहत बसाया गया था। यहां चौड़ी सड़कें, हरे-भरे बेल्ट और कम घनी आबादी वाले सेक्टर बनाए गए हैं। शहर की आधी से ज्यादा जमीन पर पेड़, पार्क और खुले मैदान हैं। जो भारत के किसी भी बड़े शहर में नहीं देखने को मिलते हैं। शहर के हर सेक्टर में अलग से गार्डन और पेड़ों से घिरी हुई सड़कें देखने काे मिलती हैं। यही कारण है कि यहां की हवा बहुत साफ है। साथ ही प्रदूषण का असर भी कम होता है।
2002 में नरेंद्र मोदी ने दिया था ये सुझाव
साथ ही 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री) ने गांधीनगर के लिए तीन जरूरी बातों पर ध्यान देने का सुझाव दिया था। वो ये था कि शहर हरा-भरा होना चाहिए, यहां सोलर एनर्जी का इस्तेमाल हो और ये आधुनिक और सभ्य होना चाहिए।
साबरमती नदी के पास बसा है ये शहर
इसके अलावा शहर के किनारे बहती हुई साबरमती नदी और पास का इंद्रोड़ा नेचर पार्क यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को और बढ़ाने का काम करते हैं। ये जंगल और नदी शहर के फेफड़ों की तरह हैं, जो प्रदूषण को रोकने में मदद करते हैं। आपको बता दें कि गांधीनगर में बड़े बिजनेस प्रोजेक्ट्स को लेकर कुछ रूल बने हैं। नए घर या प्रोजेक्ट बनाने में पर्यावरण संतुलन का ध्यान रखना जरूरी है।
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क्या है गांधीनगर का इतिहास?
गांधीनगर गुजरात की राजधानी है। ये वेस्ट इंडिया में साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ है। इस शहर का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है। गांधीनगर के स्थापना की बात करें तो इसे 1960 में बसाया गया था। हालांकि इसे गुजरात की राजधानी तब बनाया गया जब मुंबई को गुजरात और महाराष्ट्र नाम के दो राज्यों में बांटा गया।
क्या हैं ग्रीन सिटी में रहने के फायदे?
- गर्मी में तापमान कम रहता है
- हवा और माहौल साफ होता है
- दिमाग को सुकून मिलता है
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Source-
- https://gandhinagarmunicipal.com/history/
- https://gandhinagar.dcourts.gov.in/about-department/history/
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