नागपुर की हर फिजा में बसी है संतरे की खुशबू, जानिए क्यों बना Orange City और क्या है इसकी कहानी
नागपुर जिसे ऑरेंज सिटी के नाम से जाना जाता है महाराष्ट्र की सर्दियों की राजधानी है। 18वीं सदी में गोंड राजा भक्त बुलंद ने इस शहर को बसाया था। नागपुर का नाम नाग नदी के नाम पर रखा गया है। नागपुर का इतिहास 3000 साल पुराना है और इसने देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां घूमने-फिरने के लिए एक से एक जगहें मौजूद हैं। महाराष्ट्र भी उन्हीं में से एक है। इस राज्य में ऐसी कई जगहें हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं। मुंबई, पुणे, लोनावला का नाम तो सबसे पहले लिया जाता है। एक और शहर है जिसका नाम नागपुर है। इसे हम ऑरेंज सिटी (Orange City) के नाम से जानते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नागपुर को नारंगी शहर क्यों कहा जाता है? यहां के संतरे में ऐसी क्या खास बात है, जो ये पूरी दुनिया में इतना फेमस है? वैसे तो यहां हजारों लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं, लेकिन इसके इतिहास के बारे में कम ही लोग जानते होंगे। आज का हमारा ये लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको बताएंगे कि नागपुर को ऑरेंज सिटी के नाम से क्यों जाना जाता है, साथ ही हम आपको इसका दिलचस्प इतिहास भी बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से -
18वीं सदी में बसाया गया था शहर
आपको बता दें कि नागपुर को लोग ऑरेंज सिटी यानी कि संतरे का शहर कहते हैं। ये महाराष्ट्र की सर्दियों की राजधानी भी है। हर साल यहां राज्य की सर्दियों की विधानसभा होती है। 18वीं सदी में इस शहर को गोंड राजा भक्त बुलंद ने बसाया था। ये भारत के बिल्कुल बीच में आता है। यहां सबसे ज्यादा सब्जियाें और जानवरों के चारे की खेती होती है। अब आप सोच रहे होंगे कि नागपुर का नाम कैसे पड़ा?
ये है नागपुर का अक्षरधाम मंदिर। Image Credit- Maharashtra Tourism
नाग नदी के नाम पर पड़ा शहर का नाम
नागपुर का नाम यहां बहने वाली नाग नदी के नाम पर पड़ा है। ये नदी सांप जैसी घूमती हुई नजर आती है, इसलिए इसे नाग नदी कहा जाता है। मराठी भाषा में नाग का मतलब सांप होता है। यहां आसपास कई टाइगर रिजर्व भी हैं, इसलिए इसे टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया भी कहते हैं।
क्यों कहते हैं ऑरेंज सिटी?
नागपुर को ऑरेंज सिटी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत ज्यादा और अच्छे संतरे उगाए जाते हैं। यहां की मिट्टी, धूप और मौसम संतरे की खेती के लिए बिल्कुल सही होती है। 18वीं सदी में भोसले राजाओं ने देखा कि नागपुर की जमीन संतरे उगाने के लिए बढ़िया है। उन्होंने किसानों को जमीन, पानी और खेती के लिए मदद दी। इससे यहां संतरे के बाग बढ़ने लगे। आज के समय में नागपुर के कलमेश्वर, काटोल, नरखेड़ और सावनेर जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में संतरे की खेती की जाती है।
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संतरों में होता है ज्यादा रस
इनमें नागपुर का नागपुरी संतरा बहुत ही ज्यादा मशहूर है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है और इसकी खुशबू भी बहुत खास होती है। अमरावती और नागपुर जिले मिलकर महाराष्ट्र में संतरे की खेती का करीब 80% हिस्सा बनाते हैं। यहां के संतरों में ज्यादा रस होता है और ये ज्यादा गूदेदार भी होते हैं। यहां के संतरों की डिमांड सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है।
हर गली में दिखती है पहचान
19वीं सदी के आखिर तक नागपुर पूरे देश में संतरे के लिए मशहूर हो गया था। यहां के संतरे मीठे और रसदार होते हैं, और तो और इनका छिलका भी बहुत पतला होता है। जिसे आसानी से छीला जा सकता है। आज भी संतरे की पहचान हर गली में देखने को मिलती है।
क्या है नागपुर का इतिहास?
नागपुर का इतिहास बहुत पुराना और खास है। माना जाता है कि यहां करीब 3000 साल पहले से लोग रह रहे हैं। इसका सबूत द्रुग्धामना नाम की जगह पर मिली पुरानी कब्रों से भी मिलता है। इसके अलावा 10वीं सदी में एक पत्थर पर खुदा हुआ लेख भी मिला है जिसमें नागपुरा-नंदिवर्धन का नाम लिखा है। इससे साबित होता है कि नागपुर बहुत पुराना शहर है। आपको बता दें कि सबसे पहले नागपुर को गोंड राजाओं ने बसाया था।
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देश के विकास में निभाई अहम भूमिका
बाद में ये मराठाओं के भोंसले राजाओं के हिस्से में आ गया। 1817 में सीताबुल्दी की लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने नागपुर पर कब्जा कर लिया था और भोंसले राज खत्म हो गया था। फिर नागपुर को अंग्रेजों ने सेंट्रल प्रोविंस एंड बेरार की राजधानी बना दिया। जब भारत को आजादी मिली, तो नागपुर ने देश के विकास में खास भूमिका निभाई। पहले ये मध्य प्रदेश में था, फिर बॉम्बे राज्य का हिस्सा बना और आखिर में महाराष्ट्र में शामिल हुआ।
नागपुर में घूमने लायक जगहें
- ड्रैगन पैलेस बौद्ध मंदिर
- अक्षरधाम मंदिर
- दीक्षाभूमि
- जीरो माइल मार्कर
- रामटेक किला मंदिर
- सीताबुलडी किला
- पेंच नेशनल पार्क
- नवेगांव नेशनल पार्क
- अंबाझरी झील
- अंबा खोरी
- वाकी वुड्स
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Source-
- https://nagpur.gov.in/about-district/
- https://maharashtratourism.gov.in/districts/nagpur/
- https://nagpur.gov.in/history/
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