महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने कहा, जिन्होंने कराई बापू की हत्या वे आज उनके स्मारकों पर टेक रहे माथा
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भितिहरवा से शुरू की परिवर्तन यात्रा। इस दौरान उन्होंने कहा कि गरीबी से मुक्ति ही सही मायने में आजादी है। अब देश को नफरत की राजनीति से मुक्ति दिलाने और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई शुरू कर रहा हूं। तुषार गांधी ने कहा कि मैंने 2019 में मुख्यमंत्री से प्रार्थना की थी कि चंपारण के साथ सत्याग्रह का नाम जोड़ दिया जाना चाहिए।

जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने शुक्रवार को चंपारण की ऐतिहासिक धरती से नफरत और गरीबी के खिलाफ एक लड़ाई का बिगुल फूंका। उन्होंने भितिहरवा आश्रम से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा कि जैसे आज़ादी की पहली लड़ाई सत्याग्रह चंपारण से शुरू हुई थी, वैसे ही अब देश को नफरत की राजनीति से मुक्ति दिलाने और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई भितिहरवा से शुरू कर रहे है।
तुषार गांधी ने कहा कि मैंने 2019 में बिहार के मुख्यमंत्री से प्रार्थना की थी कि चंपारण के साथ सत्याग्रह का नाम जोड़ दिया जाना चाहिए, क्योंकि भारत के इतिहास में सत्याग्रह की जन्म भूमि चंपारण में है। पुन: इस बात को याद दिला रहा हूं। उन्होंने कहा कि बापू ने कहा था कि आजादी मिल जाए, लेकिन गरीबी की गुलामी से जब तक एक भी नागरिक जकड़ा रहेगा, तब तक सही मायने में आजादी नहीं मिलती। 75 वर्षों में चंपारण का जो विकास होना चाहिए वह नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने बापू की हत्या करवाई वे ताकते बापू की स्मारकों में जाकर माथा टेकने और फोटो खिंचवाने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि चंपारण के लोगों ने गांधी की ऐतिहासिक विरासत को संजो कर रखा है। चंपारण की धरती कभी आज़ादी की भावना को खत्म नहीं होने देगी। वे चंपारण की अपनी पहली यात्रा के दौरान सर्वप्रथम भितिहरवा गांधी आश्रम पहुंचे थे। अपने पूर्वज महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
उनके प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम में शामिल हुए। कार्यक्रम में पंकज कुमार, शाहिद कमाल, गुड्डी कुमारी, विजय प्रताप, कुमार चन्द मार्डी, प्रमोद पटेल, अनिल मंडल, देवीलाल यादव, अनिरुद्ध चौरसिया, दिनेश प्रसाद यादव समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
तुषार गांधी ने स्वाधीनता सेनानी बत्तख मियां को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बत्तख मियां ने महात्मा गांधी की हत्या की साजिश नाकाम की थी, जिसके बदले में अंग्रेजों ने उनका घर जला दिया था। लेकिन आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी सरकारें बत्तख मियां के परिजनों को वह जमीन नहीं दिला सकीं, जो उन्हें दी गई थी। उधर, कार्यक्रम में शामिल सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने भी बत्तख मियां के परिवार को अब तक न्याय न मिलने पर दुख प्रकट किया।
मुख्य अतिथि किसान नेता डॉ. सुनिलम ने बापू और बा के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि आज भी किसानों और कमजोर तबकों का शोषण हो रहा है। सरकारें जनादेश की चोरी करके बनाई जा रही हैं।
भितिहरवा से नरकटियागंज पहुंचे तुषार गांधी ने शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए सरकार पर निशाना साधा। कहा कि चुनाव आयोग सरकार की मंडली में शामिल हो गई है और नागरिकता की लूट की जा रही है। कार्यक्रम में अधिवक्ता मनौवर आलम ने तुषार गांधी को अंग वस्त्र, महात्मा गांधी का तैल चित्र और बुके देकर समान्नित किया। संचालन शिक्षक मुकुंद मुरारी राम ने किया। मौके पर शिक्षाविद छोटेलाल प्रसाद, अवध किशोर सिन्हा आदि शामिल रहे।
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