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    पहाड़ों को आपके 'कचरे' नहीं, 'परवाह' की है जरूरत; पढ़ें Eco-Friendly टूरिज्म के 5 आसान तरीके

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 07:14 AM (IST)

    क्या आपको भी पहाड़ों की वो ठंडी हवा, बर्फ से ढकी चोटियां और सुकून भरी खामोशी पसंद है? यकीनन हम सभी को पसंद है, लेकिन जरा सोचिए, जब हम शहर के शोर-शराबे ...और पढ़ें

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    International Mountain Day 2025: माउंटेन ट्रैवलिंग को 'इको-फ्रेंडली' बनाने के 5 टिप्स (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day 2025) के मौके पर यह समझना जरूरी है कि पहाड़ सिर्फ घूमने की जगह नहीं हैं, बल्कि वे हमारी धरती के 'वॉटर टावर' भी हैं। अगर हम अभी नहीं संभले, तो हमारी आने वाली पीढ़ियां शायद वो हरे-भरे या बर्फ से ढके पहाड़ कभी देख ही न पाएं।

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    बता दें, आप एक जिम्मेदार टूरिस्ट बनकर भी अपनी छुट्टियों का पूरा मजा ले सकते हैं। आइए, 11 दिसंबर को मनाए जा रहे इंटरनेशनल माउंटेन डे के मौके पर जानते हैं, इको-फ्रेंडली टूरिज्म के कुछ बेहद आसान तरीके, जिन्हें आप अपनी अगली ट्रिप पर अपना सकते हैं।

    International Mountain Day

    (Image Source: Freepik) 

    अपना कचरा अपने साथ वापस लाएं

    पहाड़ों पर वेस्ट मैनेजमेंट शहरों जैसा नहीं होता। वहां फेंका गया एक रैपर सैकड़ों सालों तक उस वादी को गंदा करता रहता है। इसलिए, एक सिंपल रूल बनाएं- "मेरा कचरा, मेरी जिम्मेदारी।" अपने बैग में एक छोटा कचरे का थैला रखें और अपने खाली रैपर या बोतलें वापस शहर लेकर आएं, जहां उनका सही निपटारा हो सके।

    प्लास्टिक को कहें 'ना'

    हर बार नई पानी की बोतल खरीदने के बजाय, अपने साथ एक रीयूजेबल बोतल रखें। पहाड़ों पर कई कैफे और होटल अब 'RO वॉटर रिफिल' की सुविधा देते हैं। इससे न सिर्फ आप पैसे बचाएंगे, बल्कि पहाड़ों को प्लास्टिक के ढेर से भी बचाएंगे।

    Eco friendly travel tips

    (Image Source: Freepik) 

    'लोकल' बनें और 'लोकल' खाएं

    पहाड़ों पर जाकर भी पैकेट बंद नूडल्स या चिप्स खाने के बजाय, वहां के लोकल फूड का आनंद लें। इससे आपको ताजा और पौष्टिक खाना मिलेगा और वहां के स्थानीय लोगों की कमाई भी होगी। साथ ही, पैकेट बंद खाने से होने वाला कचरा भी कम होगा।

    पानी बचाना है बेहद जरूरी

    हमें लगता है कि पहाड़ों में तो नदियां बहती हैं, वहां पानी की क्या कमी? लेकिन सच यह है कि पहाड़ी इलाकों में पीने का पानी बहुत मुश्किल से मिलता है। होटल में लंबे शावर लेने के बजाय बाल्टी का इस्तेमाल करें और बिजली भी बचाएं।

    शोर नहीं, शांति फैलाएं

    पहाड़ों की असल खूबसूरती उनकी शांति में है। अपनी कार में लाउड म्यूजिक बजाकर वहां के जानवरों और पक्षियों को परेशान न करें। प्रकृति की आवाजें सुनें, क्योंकि यह किसी भी गाने से ज्यादा सुकून देने वाली होती हैं।

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