पीक सीजन में क्यों देखने मिली Nainital के टूरिज्म में गिरावट? आखिर क्या है इसकी वजह
गर्मियों में पर्यटकों से गुलजार रहने वाले नैनीताल में इस बार कम भीड़ देखने को मिली। एक समय था जब यहां हर साल लाखों देसी-विदेशी पर्यटक आते थे। इस बार पर्यटकों की कमी से कारोबार प्रभावित रहा। हालांकि अब पर्यटकों का आना शुरू हाे गया है। लेकिन पर्यटकों की कमी के पीछे कौन से कारण जिम्मेदार थे?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में घूमने के लिए कई शानदार जगहें मौजूद हैं। गर्मियों में जब भी घूमने की बात आती है तो लोग Hill Stations जाना पसंद करते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो Beach पर चिल करने के लिए जाते हैं। आमतौर पर गर्मियों में लोग शिमला, मनाली या फिर नैनीताल और मसूरी जाना पसंद करते हैं। गर्मियों में इन जगहों पर खचाखच टूरिस्ट भरे रहते हैं।
दरअसल, ये एक सस्ता और आसान ऑप्शन माना जाता है। गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए नेनीताल एक फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यहां जाना जितना आसान है, वहीं यहां आपको भारी भरकम रकम खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। हर सालाें लाखों की संख्या में देसी विदेशी पर्यटक नैनीताल आते हैं। यहां आकर वे भीषण गर्मी के बीच सुकून भरे पल बिताते हैं। ये एक ऐसी जगह है जो हर किसी को बेहद पसंद आती है।
पर्यटकाें से खचाखच भरा रहता था नैनीताल
नैनीताल में नैनी लेक, नैना देवी मंदिर, स्नो व्यू पॉइंट, टिफिन टॉप, माल रोड, नैनीताल जू, नैनी पीक, ग्वालियर हाउस जैसी कई जगहों पर आप घूम सकते हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में नैनीताल के टूरिज्म में गिरावट आई थी, जिसके कारण वहां के होटलों के मालिक काफी चिंता में थे। हालांकि, अब पर्यटक फिर से लौटने लगे हैं, लेकिन फिर भी यह समझना जरूरी है कि ऐसा क्यों हुआ।
बुरी तरह से प्रभावित हो रहा कारोबार
आपको बता दें कि नैनीताल में पर्यटकों के न आने से कारोबार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। होटलों के बिजनस में तो 90% तक गिरावट देखने को मिली। पिछली कई बुकिंग्स भी कैंसिल हो गईं। हालांकि, धीरे-धीरे पर्यटकों का आना शुरू हो रहा है, जो वहां के होटलों के मालिकों और कैब ड्राइवर्स के लिए राहत की बात है। दरअसल, मई-जून नैनीताल के टूरिज्म का पीक सीजन होता है। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर, पंजाब जैसी जगहों के लोगों की भयंकर भीड़ यहां वेकेशन मनाने आती है।
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बच्ची के साथ हुआ था रेप
इसके पीछे कई कारण हैं। पहला तो ये कि एक मई को नैनीताल में 12 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था। इस कारण पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन हुए थे, वहीं तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी हुईं थीं, जिससे पर्यटकों में डर का माहौल बन गया था। आधे से ज्यादा लाेगों ने अपनी प्लानिंग ही कैंसिल कर दी थी। वहीं दूसरा कारण पहलगाम अटैक को माना जा रहा है। इसमें भी 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इनमें आधे से ज्यादा लोग पर्यटक ही थे।
सेफ्टी को लेकर है चिंता
ऐसे में टूरिस्ट्स में सेफ्टी को लेकर चिंता बढ़ गई। इस वजह से लोगों ने नैनीताल घूमने का प्लान भी रद्द किया। नैनीताल की तुलना में इस बार कुछ ऑफ-बीट डेस्टिनेशन्स, जैसे- कौसानी, भीमताल, मुक्तेश्वर, रामनगर, भवानी, रानीखेत में टूरिट्स की ज्यादा चहल-पहल देखने को मिली। वहीं तीसरा कारण नैनीताल में बढ़ती महंगाई भी हो सकती है। यहां होटल से लेकर एंट्री फीस, पार्किंग के रेट तक काफी बढ़ चुके हैं। इस वजह से भी कई लोगों ने सस्ते ऑप्शन्स को चुना।
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