J&K Tourism: पहलगाम हमले के बाद वीरान हो गया है मानसर, स्थानीय लोग और व्यापारी सब परेशान
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मानसर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है जिससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। होटल रेस्टोरेंट और दुकानदारों का काम ठप हो गया है। स्थानीय लोग सरकार से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं शुरू करने की मांग कर रहे हैं और अमरनाथ यात्रा से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
निश्चंत सिंह संब्याल, जागरण। जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बेसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए नरसंहार के बाद पूरे देश और दुनिया को झंझोड़ कर रख दिया। इस घटना के बाद पर्यटकों की संख्या में आज तक की सबसे बड़ी कमी देखी गई है। जम्मू कश्मीर के सभी पर्यटन स्थल सूने हो गए। पर्यटकों से चलने वाला सारा व्यापार ठप हो गया और इससे अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले कई लोगों को खाने के भी लाले पड़ गए है।
कश्मीर में हुए इस हमले का असर जम्मू में भी देखने को मिला है। जम्मू के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर समेत कई छोटे बड़े पर्यटक स्थल वीरान हो गए थे परन्तु अब थोड़ी थोड़ी रौनक लौटने लगी है परन्तु जम्मू प्रांत का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मानसर अभी भी पर्यटकों से सूना पड़ा है। हर मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मानसर पर्यटक स्थल पहलगाम के हमले के बाद एक दम से वीरान सा हो गया है।
रेस्टोरेंट, होटल, ढाबे, दुकानों, किश्ती के मालिक समेत पर्यटक संबंधी व्यापार से जुड़े कई व्यापारी परेशान है और उम्मीद लगाए बैठे है कि कब मानसर में रौनक लौटेगी और हम लोग अपना व्यवसाय अच्छे से चला सकेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि हम लोग पहलगाम हमले से बहुत आहत हुए उसके बाद अपने देश की ओर से चलाए गए आपरेशन सिंदूर से काफी संतुष्ट भी है।
उनका कहना है कि हमारा काम सड़क की खस्ता हालत से पहले से ही बहुत कम था परन्तु पहलगाम हमले के बाद मानो किसी की नजर सी लग गई है। मानसर एवं सुरिंसर झील का नजारा देखने के लिए स्थानीय एवं बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों का तांता लगा रहता था। हम लोग देश विदेश से आने वाले पर्यटकों से निवेदन करते है कि वह बेखौफ होकर आए और जम्मू कश्मीर की वादियों एवं मानसर झील का आनंद ले।
पहलगाम हमले के बाद हमारा काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है, वहां जो हुआ बहुत ही गलत और निंदनीय था ऐसा किसी ने नहीं सोचा था जिसका नतीजा पूरे जम्मू कश्मीर को भुगतना पड़ रहा है पर्यटकों से ही हमारा व्यवसाय चलता है हम चाहते है कि सरकार पर्यटकों को जम्मू कश्मीर में लाने के लिए कोई नई योजना से काम करे ताकि हम लोग अपना काम अच्छे से कर सके
विनय शर्मा (होटल मालिक मानसर)
मानसर एवं सुरिंसर पर्यटन स्थल पर पर्यटन आने से हम अपना और अपने परिवार का पालन पोषण बड़े अच्छे से करते थे हमारा घर का सारा खर्चा इसी दुकान से चलता है पहलगाम हमले के बाद एक दम से पर्यटकों का आना बंद हो गया जिससे हम छोटे लोगों को बहुत क्षति पहुंची है। अब रविवार के दिन स्थानीय लोग मानसर में परिवार के साथ घूमने आते है जिससे हमारा थोड़ा सा काम दोबारा से चला है उम्मीद है फिर से मानसर गुलज़ार होगा और हम लोग अच्छे से रहेंगे।
राकेश कुमार (दुकानदार)
मानसर में काम सड़क की खस्ता हालत की वजह से पहले से ही कम था और ऊपर से पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। अब स्थानीय पर्यटकों से ही गुजारा कर रहे है। गर्मियों के मौसम में हम लोग अच्छी कमाई कर लेते थे परन्तु इस बार का सीजन बेकार हो गया है अब हम अमरनाथ यात्रा के दौरान आने वाले श्र्द्धालुओं पर उम्मीद लगाए हुए बैठे है अगर उनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई तो हम अपना और अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सकेंगे।
मोहिंदर कुमार (रेस्टोरेंट मालिक)
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।