प्यार में डूबे कपल को क्यों कहते हैं 'दो हंसों का जोड़ा', वजह जानकर हर किसी को इसका मतलब बताएंगे आप
आपने अक्सर सुना होगा कि प्यार करने वालों को दो हंसों का जोड़ा (Do Hanso Ka Joda) कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कहावत के पीछे क्या कारण है? अगर नहीं तो यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। यहां हम बताएंगे कि क्यों प्यार करने वाले लोगों की तुलना हंसों के जोड़े (Swans Love Symbol) से की जाती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Swans Love Symbol: एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में रहने वाली एक लड़की थी। उसकी नजरें हमेशा आसमान में उड़ते हंसों पर जा टिकती थीं। उसे हंसों की जोड़ी बेहद पसंद थी। वे हमेशा साथ रहते थे, एक-दूसरे का ख्याल रखते थे और साथ में उड़ान भरते थे। वह सोचती थी कि अगर उसका भी कोई ऐसा पार्टनर होता तो कितना अच्छा होता।
एक दिन, गांव के मेले में उसे एक लड़का मिला। वह लड़का भी हंसों की जोड़ी को देखकर बहुत खुश होता था। दोनों की बातें बहुत जमीं और धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के करीब आ गए। वे हर रोज एक-दूसरे से मिलते, साथ में घूमते और एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। एक दिन लड़की ने लड़के से पूछा, "तुझे पता है, मुझे हंसों की जोड़ी बहुत पसंद है। वे हमेशा साथ रहते हैं।" लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे भी। मुझे लगता है कि हम भी हंसों की जोड़ी की तरह हैं। हम हमेशा साथ रहेंगे और एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे।" तभी से, गांव वाले भी उन्हें दो हंसों का जोड़ा (Do Hanso Ka Joda) कहने लगे।
जी हां, आपने भी किस्सों, कहानियों और यहां तक कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी अक्सर सुना होगा कि दो प्यार करने वालों की तुलना लोग 'हंसों के जोड़े' के साथ करते हैं। बॉलीवुड ने भी इस मुहावरे को बेहद मशहूर बना दिया है और इसपर कई गानें भी बने हैं। ऐसे में, अगर आप भी जानना चाहते हैं कि दो प्यार करने वालों की तुलना हंसों से क्यों की जाती है, तो आइए इस आर्टिकल में आपको इसकी असल वजह (Why Swans Are Romantic love Symbol) के बारे में बताते हैं।
क्यों कहते हैं 'दो हंसों का जोड़ा'?
हंस एक बहुत ही प्यारा पक्षी है। यह हमेशा बहुत शांत रहता है और अपने साथी से बहुत प्यार करता है। ऐसा कहा भी जाता है कि हंसों के जोड़े हमेशा साथ रहते हैं। वे एक-दूसरे को कभी अकेला नहीं छोड़ते। वैज्ञानिकों के अनुसार, सामान्य परिस्थितियों में हंसों के जोड़े अलग होने की संभावना बेहद कम, महज 6 प्रतिशत होती है। यह दिखाता है कि हंसों का प्यार कितना गहरा होता है। जी हां, क्योंकि हंस इतने प्यार से रहते हैं, इसलिए आमतौर पर जब भी एक दूसरे से बहुत प्यार करने वाले कपल को देखा जाता है तो उन्हें 'हंसों का जोड़ा' कहते हैं। यह एक कहावत है जिसका मतलब है कि दो लोग एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हमेशा साथ रहना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें- कहां से आया हार्ट का शेप और इंसानी दिल जैसा क्यों नहीं दिखता इसका आकार?
ऑस्ट्रेलिया में दिखते हैं काले हंस
सफेद रंग के हंस तो हमने सभी ने देखे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में काले रंग के हंस भी पाए जाते हैं? जी हां, ऐसा सचमुच होता है। प्रेम और वफादारी का प्रतीक माने जाने वाले यह खूबसूरत पक्षी अपने जीवनसाथी के प्रति काफी समर्पित होते हैं। पर्यावरण से जुड़े जानकार इन्हें बेहद भावुक भी मानते हैं। अगर कोई इनके अंडों या साथी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो वे बड़ी हिम्मत से उसका सामना करते हैं, भले ही उनके दांत न हों।
याददाश्त के जादूगर और दोस्ती के प्रतीक
हंस बहुत ही चतुर पक्षी होते हैं! इन्हें बहुत कुछ याद रहता है, जैसे कि किसी बात को सालों बाद भी। ये अपने दोस्तों से बहुत प्यार करते हैं और हमेशा साथ रहना पसंद करते हैं। जब ये उड़ते हैं तो एक खास तरह का ‘वी’ आकार बनाते हैं, जैसे कि कोई टीम हो। इस टीम का नेता सबसे आगे उड़ता है, लेकिन जब वो थक जाता है तो कोई और उसकी जगह ले लेता है। दुनिया में कई तरह के हंस पाए जाते हैं और हर तरह की प्रजाति में कुछ न कुछ खास जरूर होता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।