न फेरे, न विदाई, सिर्फ जश्न और मस्ती: क्या है 'Fake Wedding' जिसके दीवाने हो रहे Gen Z?
भारत में शादियों का जिक्र होते ही हमारे दिमाग में 'बिग फैट इंडियन वेडिंग' की तस्वीर उभर आती है- भारी-भरकम लहंगे, जगमगाती लाइट्स और रीति-रिवाजों का सैल ...और पढ़ें

Fake Wedding: न दूल्हा, न दुल्हन, सिर्फ जश्न और नाच-गाना (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जरा सोचकर देखिए... आप एक गैंड इंडियन वेडिंग में खड़े हैं। चारों तरफ ढोल की थाप गूंज रही है, छत से झिलमिलाती लाइटें लटक रही हैं और हवा में बस स्वादिष्ट खाने की महक है। आप सज-धज कर तैयार हैं, लेकिन जब आप स्टेज की ओर देखते हैं, तो वहां न कोई दूल्हा है और न ही कोई दुल्हन।
जी हां, चौंकिए मत। भारत में 'बिग फैट इंडियन वेडिंग' का मतलब अब पूरी तरह बदल चुका है। साल 2025 में एक ऐसा अनोखा 'ट्विस्ट' आया है जिसने शादी की पुरानी परिभाषा को पलट कर रख दिया है (Fake Wedding Trend)। अब लोग सात फेरों और रस्मों के भारी-भरकम तनाव को छोड़कर, सिर्फ और सिर्फ 'जश्न' मनाना चाहते हैं।

(Image Source: AI-Generated)
आखिर क्या है यह 'फेक वेडिंग'?
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, यह एक 'नकली शादी' होती है (What is a fake wedding)। आसान भाषा में कहें तो यह एक वेडिंग-थीम वाली पार्टी है। इनका आयोजन बड़े होटल, क्लब या मशहूर ब्रांड्स करते हैं और इसमें शामिल होने के लिए आपको किसी न्योते की नहीं, बल्कि 'टिकट' की जरूरत होती है।
इन आयोजनों में आपको असली शादी का हर वो मजा मिलता है जिसकी आप उम्मीद करते हैं- ढोल की थाप, संगीत सेरेमनी जैसा डांस फ्लोर और खूबसूरत सजावट, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि यहां असली शादी वाला कोई स्ट्रेस नहीं होता। न फैमिली पॉलिटिक्स का डर और न ही उन दूर के रिश्तेदारों से जबरदस्ती बात करने का प्रेशर, जिनसे आप हमेशा बचना चाहते हैं। जी हां, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसी मेट्रो सीटीज में यह ट्रेंड बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
Gen Z को क्यों भा रहा है यह अंदाज?
इस ट्रेंड को सबसे ज्यादा हवा नई युवा पीढ़ी यानी 'Gen Z' ने दी है। उनके लिए असली शादियों में कई तरह के सामाजिक नियम और पाबंदियां होती हैं- कैसे उठना-बैठना है या किससे बात करनी है, लेकिन 'फेक वेडिंग्स' में ऐसी कोई रोक-टोक नहीं होती।
यहां आपको जज करने वाला कोई नहीं होता। कोई यह नहीं देखता कि आपका वजन कितना है या आपने क्या पहना है। यहां सिर्फ लाउड म्यूजिक, डांस और दोस्तों के साथ बेफिक्र होकर मस्ती होती है। दिलचस्प बात यह है कि 2025 के बीच तक, न सिर्फ युवा बल्कि 40 की उम्र पार कर चुके लोग भी इन पार्टियों का हिस्सा बनने लगे, क्योंकि यहां सबका मकसद सिर्फ एक होता है- तैयार होना और खुलकर एन्जॉय करना।

(Image Source: AI-Generated)
सोशल मीडिया और रील्स का जादू
इस ट्रेंड की सफलता का एक बड़ा राज इसका 'इंस्टाग्राम-फ्रेंडली' होना है। इन पार्टियों की सजावट बिल्कुल असली शादी जैसी भव्य होती है, जिसमें छत से लटकती रंग-बिरंगी छतरियां और फेयरी लाइट्स शामिल होती हैं।
मेहमान अपनी सबसे शानदार एथनिक ड्रेस पहनकर आते हैं और डीजे वही सदाबहार पंजाबी और बॉलीवुड गाने बजाते हैं। यहां हर कोई रील्स बनाने, ग्रुप सेल्फी लेने और वीडियो शूट करने में मग्न रहता है। माहौल ऐसा होता है कि अगर आपने यहां आकर एक अच्छी रील नहीं बनाई, तो मानो आपका आना अधूरा रह गया।
सिर चढ़कर बोल रहा है 'फेक वेडिंग्स' का क्रेज
साल 2025 के आखिर तक, इंटरनेट पर हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल था, "अगली फेक वेडिंग कब है?" भले ही कुछ लोग इसे सिर्फ दिखावा मानें, लेकिन जिस भारी तादाद में लोग इसमें शामिल हो रहे हैं, वह इसकी सफलता का सबूत है।
फेक वेडिंग्स कभी भी असली शादियों की जगह नहीं ले सकतीं, लेकिन यह एक समानांतर विकल्प के रूप में जरूर मौजूद रहेंगी। 2025 ने यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी हमें रस्में नहीं, बल्कि सिर्फ स्ट्रेस-फ्री 'सेलिब्रेशन' चाहिए होता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।