हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत ने लगाई छलांग, लेकिन फिर भी पीछे; आठवीं बार टॉप पर रहा ये देश
हर साल 20 मार्च को World Happiness Day मनाया जाता है। इस मौके पर हाल ही में वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में दुनियाभर में 147 देशों की रैंकिंग जारी की गई है। इस रिपोर्ट में भारत ने पिछले बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन फिर भी अभी हम अन्य देशों से काफी पीछे हैं।

लंदन, पीटीआई। हमारी सेहत पर सिर्फ हमारे खानपान और रहन-सहन का भी नहीं, बल्कि हमारे मूड का भी असर पड़ता है। इसलिए अक्सर कहा जाता है कि खुश रहना जरूरी है। लोगों की खुशी की इसी अहमियत के बारे में समझाने के मकसद से हर साल 20 मार्च को World Happiness Day मनाया जाता है।
इस मौके पर हाल ही में दुनियाभर के खुशहाल देशों की एक लिस्ट जारी की गई है। इसे सूची को तैयार करने के लिए दानशीलता, दयालुता और मेलजोल से रहने में विश्व के देशों में व्याप्त प्रसन्नता को परखा गया है। इसमें खुशहाली के आठ पायदान ऊपर चढ़कर भारत ने इस साल दुनिया में 118वां स्थान हासिल किया है। जबकि अमेरिका की खुशहाली अब तक के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच कर 24वें स्थान पर है।
यह भी पढ़ें- इन 6 आदतों के कारण आप खुद ही घोंट रहे हैं अपनी खुशियों का गला, इनमें बदलाव करके ही रह पाएंगे हैप्पी
कौन-सा देश है सबसे खुशहाल?
फिनलैंड लगातार आठ सालों से दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। जबकि डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन चार सर्वोच्च खुश देशों में शामिल हैं। 'वर्ल्ड हैपीनेस डे' की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आठ स्थानों का सुधार करते हुए भारत को हैपीनेस इंडेक्स में 118वां स्थान मिला क्योंकि हमारे देश ने दान के मामले में 57वीं रैंक पाई है।
जबकि भारत के कुछ पड़ोसी देश जैसे नेपाल (92), पाकिस्तान (109) हैपीनेस की रैंक में भारत से भी आगे रहे हैं। जबकि श्रीलंका (133) और बांग्लादेश (134) रैंक के साथ भारत से पीछे हैं।
ये देश है सबसे दुखी?
अफगानिस्तान सबसे अप्रसन्न देश है। चीन में खुशहाली आठ पायदान घटकर 68वें स्थान पर है जबकि पिछले साल यह 60वें स्थान पर थी। आश्चर्यजनक रूप से खुशहाली में युद्धग्रस्त फलस्तीन और यूक्रेन इस साल भी भारत से आगे हैं। फलस्तीन की रैंक 108 और यूक्रेन की 111 है। इसी के साथ रिपोर्ट में कहा गया है कि 147 खुशहाल देशों की सूची में अब अमेरिका सबसे बीस खुशहाल देशों में भी शुमार नहीं हो सका है।
इस बार उसकी रैंक 24 है, जो अब तक के सभी सालों की न्यूनतम है। वह वर्ष 2012 में 11वें पायदान पर था। वहीं ब्रिटेन भी अमेरिका से एक पायदान ऊपर 23वें स्थान पर है। 20 मार्च को मनाए जाने वाले 'वर्ल्ड हैपीनेस डे' की 2025 की रिपोर्ट में बताया गया है कि वेलबीइंग रिसर्च सेंटर और आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें शामिल 147 देशों की खुशी का आधार संपत्ति और गाड़ी-बंगले से नहीं, बल्कि लोगों के मददगार होने और मिल-बांटकर रहने की आदत से आंकी जाती है, जिसका पैमाना सांस्कृतिक व संस्थागत विभेद के साथ ही दान, अजनबियों की मदद आदि करना होता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।