इन 6 आदतों के कारण आप खुद ही घोंट रहे हैं अपनी खुशियों का गला, इनमें बदलाव करके ही रह पाएंगे हैप्पी
खुश रहना हमारे लिए कितना जरूरी है इस बारे में बताने की जरूरत नहीं है। मेंटल और फिजिकल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए अपनी खुशियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। हालांकि कई बार अपनी कुछ खराब आदतों (Habits That Cause Sadness) के कारण हम खुद ही अपनी खुशियों में आग लगा बैठते हैं। आइए इस International Day Of Happiness पर जानें उन आदतों के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर कोई चाहता है कि वे खुश रहें। उनके जीवन की सारी तकलीफें खत्म हो जाएं और वे हमेशा खुशियों से ही घिरे रहते हैं। हालांकि, ऐसा होना मुमकिन नहीं। जिंदगी में कभी खुशियां आती हैं, तो कभी दुख और हमें इन्हें अपनाना ही पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार आप खुद ही अपनी खुशियों का गला घोंट देते हैं (Habits Which Kill Happiness)।
जी हां, अगर आपकी ही कुछ आदतें (Self-Sabotaging Habits) हैं, आपकी खुशियों की दुश्मन बन बैठती हैं आइए इस इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस (International Day of Happiness 2025) के मौके पर हम इन्हीं आदतों (Daily Habits Affecting Mood) के बारे में जानते हैं, जो आपकी खुशियां छीन लेती हैं।
दूसरों से तुलना करना
हम अक्सर दूसरों की जिंदगी को देखकर अपनी तुलना करने लगते हैं। चाहे वह पैसा, रिश्ते, करियर या सुंदरता हो, हम हमेशा दूसरों को बेहतर समझते हैं। यह आदत हमारे आत्मविश्वास को कमजोर करती है और हमें असंतुष्टि की ओर धकेलती है। याद रखें, हर किसी की जिंदगी अलग होती है और तुलना करने से केवल नेगेटिविटी ही फैलती है।
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अतीत को पकड़े रहना
कई लोग अपने अतीत में हुए दुखों, गलतियों या निराशाओं को लेकर बैठे रहते हैं। वे उन बातों को भूल नहीं पाते और उन्हीं के बारे में सोचकर अपना आज खराब कर लेते हैं। अतीत को छोड़कर आगे बढ़ना ही खुश रहने का मूलमंत्र है। जो बीत गया, उसे बदला नहीं जा सकता, लेकिन आप अपने आज और आने वाले कल को बेहतर बनाया जा सकता है।
नेगेटिव सोच
नेगेटिव ख्याल हमारे मन को अंदर से खोखला कर देती है। हम हर चीज में कमी निकालने लगते हैं और सिर्फ परेशानियों को ही देखना शुरू कर देते हैं। यह आदत हमें स्ट्रेस और एंग्जायटी की ओर ले जाती है। पॉजिटिव सोच अपनाकर हम जीवन के छोटे-छोटे पलों का आनंद ले सकते हैं और खुश रह सकते हैं।
दूसरों की राय को ज्यादा महत्व देना
कई बार हम दूसरों की राय को इतना ज्यादा महत्व देने लगते हैं कि अपनी खुशियों को भूल जाते हैं। हम यह सोचने लगते हैं कि लोग क्या कहेंगे या हमारे बारे में क्या सोचेंगे। यह आदत हमें अपने सपनों और इच्छाओं से दूर कर देती है। दूसरों की राय का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन उसे अपनी खुशियों से ऊपर नहीं रखना चाहिए।
ज्यादा अपेक्षाएं रखना
जब हम दूसरों से या खुद से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखते हैं, तो निराश होना तय है। हर किसी की सीमाएं होती हैं, और हर चीज हमारे मन मुताबिक नहीं हो सकती। अपेक्षाएं कम करके हम जीवन को ज्यादा आसान और खुशहाल बना सकते हैं।
खुद को समय न देना
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने लिए समय निकालना भूल जाते हैं। हम इतने बिजी हो जाते हैं कि खुद को समय देना और अपनी पसंद की चीजें करना भूल जाते हैं। खुद के साथ समय बिताना, अपने इमोशन्स को समझना और आराम करना बेहद जरूरी है। यह हमें मेंटल और इमोशनल रूप से मजबूत बनाता है।
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