Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्टडी के मुताबिक- पॉजिटिव सोच रखने वाले लोग जीते हैं लंबी और खुशहाल जिंदगी

    Updated: Tue, 18 Jun 2024 04:37 PM (IST)

    सकारात्मक सोच की बदौलत न सिर्फ आप हेल्दी और हैप्पी लाइफ जी सकते हैं बल्कि दूसरे लोगों के मुकाबले लंबी जिंदगी भी जीते हैं। एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। जिसमें यह भी बताया गया है कि सिर्फ 25% लोग ही जन्म से पॉजिटिव होते हैं। हालांकि पॉजिटिव सोच को सोशल कनेक्शन से भी आसानी से विकसित किया जा सकता है।

    Hero Image
    पॉजिटिव सोच हेल्दी और हैप्पी लाइफ का फंडा (Pic credit- freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में हुए एक स्टडी में यह साबित हुआ है कि पॉजिटिव सोच रखने वाले लोग, दूसरे लोगों के मुकाबले औसतन 11-15% ज्यादा जीते हैं। ये निष्कर्ष हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक शोध में सामने आया है। रिसर्च में बताया गया है कि सकारात्मक सोच रखने वाले व्यक्ति न सिर्फ लंबी जिंदगी जीते हैं, बल्कि बीमारियों से भी दूर रहते हैं। सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति खुश रहते हैं, कुंठा और निराशा से कोसों दूर रहते हैं जिस वजह से वो हार्ट, लंग्स प्रॉब्लम्स के साथ मेटाबॉलिक बीमारियों से भी महफूज रहते हैं। ऐसे लोगों में इम्यून सिस्टम से जुड़ी परेशानियों का भी खतरा 35% तक कम हो जाता है। इस रिसर्च में 69,744 महिलाओं और 1429 पुरुषों को शामिल किया गया। रिसर्चर्स के अनुसार, इसके पीछे पॉजिटिव लोगों द्वारा जीवन की परेशानियों को बेहतर तरीके से हैंडल करना और साथ ही साथ अपनी हेल्थ का भी ध्यान रखना है। ऐसे लोगों में डिप्रेशन की समस्या भी कम देखने को मिलती है और वो किसी तरह के दुख, तकलीफ को आसानी से हैंडल कर लेते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये हेल्दी डाइट को फॉलो करते हैं, रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं और स्मोकिंग से भी दूर रहते हैं। वहीं नेगेटिव थॉट्स वाले लोग अपनी हेल्थ पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं करते। जिसका असर उनकी हेल्थ पर भी पड़ता है। हर वक्त तनाव, गुस्से में और नकारात्मक से भरे लोगों में स्ट्रेस हार्मोन का लेवल हमेशा ही हाई रहता है। जिस वजह से उनमें बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

    ये भी पढ़ेंः- व्यायाम से जीवन में होता है पॉजिटिविटी का संचार

    स्टडी के अनुसार, केवल 25% लोग ही जन्म से पॉजिटिव होते हैं। स्टडी में यह भी सामने आया कि सोशल कनेक्शन से भी पॉजिटिव सोच को डेवलप किया जा सकता है। नकारात्मक विचारों को पहचानकर और उन्हें सकारात्मक विचारों में बदलकर आशावादिता को बढ़ाया जा सकता है।

    एक्सपर्ट का कहना है कि यह प्रोसेस एक एक्सरसाइज की तरह है, जिस पर लगातार काम करके उसे बेहतर बनाया जा सकता है।  

    ये भी पढ़ेंः- हैप्पी हार्मोन्स को बूस्ट करना चाहते हैं, तो फॉलो करें ये टिप्स