ऑफिस बॉय से 'मार्वल' लीजेंड तक: स्पाइडर-मैन और आयरन मैन के 'असली हीरो' Stan Lee की दिलचस्प दास्तां
मार्वल की फिल्मों में आपने स्टैन ली का कैमियो जरूर देखा होगा। आयरन मैन, स्पाइडर मैन और कैप्टन अमेरिका जैसे किरदारों को रचने वाले स्टैन ली का जन्म 28 द ...और पढ़ें

स्पाइडर-मैन और आयरन मैन के 'पिता' स्टेन ली की कहानी (Picture Courtesy: Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कॉमिक्स की दुनिया को अगर किसी एक शख्स ने भावनाओं, संघर्ष और इंसानियत से जोड़ा, तो वह नाम है स्टेन ली। स्पाइडर मैन, आयरन मैन, थॉर, एक्स-मेन और फैंटास्टिक फोर जैसे सुपरहीरो सिर्फ काल्पनिक पात्र नहीं हैं, बल्कि ऐसे सुपरहीरो हैं, जिनसे बच्चे ही नहीं, बड़े भी कनेक्ट करते हैं।
इन किरदारों को गढ़ने वाले स्टेन ली का जन्म 28 दिसंबर के दिन हुआ था। इसी खास मौके पर आइए जानें दुनिया को स्पाइडर मैन, आयरन मैन जैसे किरदार देने वाले सुपर हीरो की कहानी।
कैसा था शुरुआती जीवन?
स्टेन ली का जन्म 28 दिसंबर 1922 को न्यूयॉर्क में हुआ। उनका असली नाम स्टेनली मार्टिन लाइबर था। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने 1939 में ग्रेजुएशन पूरा कर लिया। बचपन से ही उन्हें लिखने का शौक था और वे खुद को एक महान लेखक के रूप में देखना चाहते थे। उनका मानना था “जिंदगी कभी भी पूरी तरह चुनौतियों से मुक्त नहीं होती,” और यही सोच उनके किरदारों में भी झलकती है।
ऑफिस बॉय से की करियर की शुरुआत
स्टेन ली ने अपने करियर की शुरुआत बेहद साधारण तरीके से की। अपने अंकल की मदद से उन्हें टाइमली कॉमिक्स (जो आगे चलकर मार्वल कॉमिक्स बनी) में असिस्टेंट की नौकरी मिली। यहां वे ऑफिस बॉय की तरह काम करते थे। इंक की दवात भरना, सीनियर्स के लिए लंच लाना, प्रूफरीडिंग करना और पेंसिल के निशान मिटाना उनकी रोजमर्रा की जिम्मेदारियां थीं। लेकिन इसी छोटे से काम ने उन्हें कॉमिक्स की दुनिया को करीब से समझने का मौका दिया और आगे चलकर वे अमेरिकी कॉमिक बुक लेखक, संपादक और मार्वल कॉमिक्स का सबसे बड़ा चेहरा बने।

(Picture Courtesy: Instagram)
क्यों बदला अपना नाम?
1941 में उनका पहला आर्टिकल ‘कैप्टन अमेरिका फाइल्स द ट्रेटर रिवेंज’ पब्लिश हुआ। इसी आर्टिकल की बायलाइन में उन्होंने अपना नाम ‘स्टेन ली’ रखा। दरअसल, वे कॉमिक्स को उस समय बहुत गंभीर साहित्य नहीं मानते थे और सोचते थे कि एक दिन वे महान अमेरिकी नोवेल लिखेंगे, जिसमें अपना असली नाम इस्तेमाल करेंगे। इसी दौर में उन्होंने डेस्ट्रॉयर, जैक फ्रॉस्ट और फादर टाइम जैसे शुरुआती किरदार भी बनाए।
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(Picture Courtesy: Instagram)
आर्मी से मिला 'प्लेराइट' का टाइटल
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में स्टेन ली अमेरिकी आर्मी में शामिल हुए। शुरुआत में वे सिग्नल कॉर्स में तैनात रहे, लेकिन बाद में उन्हें ट्रेनिंग फिल्म डिवीजन में भेजा गया। यहां उन्होंने ट्रेनिंग मैनुअल, फिल्म स्क्रिप्ट और पोस्टर लिखे। इसी दौरान उन्हें ‘प्लेराइट’ का दुर्लभ टाइटल दिया गया।
युद्ध के बाद स्टेन ली फिर मार्वल लौटे और धीरे-धीरे इसके मुख्य क्रिएटिव लीडर बने। 1961 के बाद जैक किर्बी और स्टीव डिटको के साथ मिलकर उन्होंने मार्वल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। फैंटास्टिक फोर मार्वल की पहली बड़ी सफलता बनी। इसके बाद स्पाइडर मैन, आयरन मैन, थॉर और एक्स-मेन जैसे किरदारों ने सुपरहीरो की परिभाषा ही बदल दी। उन्होंने ‘मार्वल मेथड’ अपनाया, जिसमें आर्टिस्ट्स के साथ मिलकर कहानी की रूपरेखा बनती और फिर डायलॉग लिखे जाते थे।
2018 में दुनिया को कहा अलविदा
स्टेन ली के योगदान को सम्मान देते हुए 2008 में उन्हें अमेरिका का प्रतिष्ठित नेशनल मेडल ऑफ आर्ट्स दिया गया। 12 नवंबर 2018 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनके बनाए किरदार आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं। स्टेन ली ने साबित किया कि सुपरहीरो सिर्फ ताकतवर नहीं होते, वे आम इंसान जैसे ही होते हैं, कमजोरियों और उम्मीदों से भरे हुए।

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