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    'संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती' Children's Day पर पढ़ें Jawahar Lal Nehru के ये कोट्स

    Updated: Thu, 14 Nov 2024 09:17 AM (IST)

    पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। वह कश्मीरी पंडित समुदाय से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपना बचपन आनंद भवन में बिताया था। आज पंडित नेहरू के जन्‍मदिवस के मौके पर हम उनके द्वारा कहे गए कथन पर नजर डालते हैं। चाचा नेहरू का मानना था कि बच्चे किसी भी समाज की सबसे बड़ी पूंजी हैं।

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    पंडित नेहरू के ये कोट्स बच्‍चों को दिखाते हैं सही राह।

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। हर साल 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्‍मदिवस के रूप में चिल्‍ड्रेंस डे मनाया जाता है। पंडित नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के प्रति असीम प्रेम था। उन्होंने हमेशा बच्चों को प्रोत्साहित करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बेहतर भविष्य देने पर जोर दिया। बच्चों के प्रति उनके प्रेम और समर्पण ने ही उन्हें 'चाचा नेहरू' का नाम भी दिलाया। दरअसल चाचा नेहरू का मानना था कि बच्चे किसी भी समाज की सबसे बड़ी पूंजी हैं।

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    बच्‍चों के विचार और आदर्श आज भी बच्चों और युवाओं को प्रेरित करते हैं। पंडित नेहरू के कई कोट्स आज भी चि‍ल्‍ड्रेंस डे के अवसर पर याद किए जाते हैं, जो न केवल बच्चों के लिए बल्कि हर क‍िसी को जीवन में कुछ करने की प्रेरणा देते हैं। आइए बाल दिवस पर उनके कुछ प्रेरणादायक विचारों पर एक नजर डालते हैं-

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    प्रयागराज में हुआ था चाचा नेहरू का जन्‍म

    आपको बता दें क‍ि पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। वह कश्मीरी पंडित समुदाय से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपना बचपन आनंद भवन में बिताया था। आनंद भवन का पुराना नाम स्वराज भवन था, जिसका निर्माण उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने वर्ष 1930 में करवाया था। वे साल 1907 में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज चले गए और यहां से 1910 में स्नातक की उपाधि हासिल की थी। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत का वास्तुकार भी कहा जाता है।

    ये हैं पंडित नेहरू के कुछ कोट्स

    • तथ्य तो तथ्य है और आपकी पसंद के कारण गायब नहीं होंगे।
    • सत्य हमेशा सत्य ही रहता है चाहे आप उसे पसंद करें या ना करें।
    • एक विश्वविद्यालय मानवतावाद, सहिष्णुता, तर्क, विचारों के साहस और सत्य की खोज के लिए खड़ा है।
    • आइए हम थोड़ा नम्र बनें; हम सोचें कि सत्य शायद पूरी तरह हमारे साथ नहीं है।
    • आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम उन्हें जिस तरह से पालेंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा।
    • सही शिक्षा से ही समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।
    • सफलता उन्हें मिलती है, जो निडर होकर फैसला लेते हैं और परिणामों से नहीं घबराते।
    • बच्चे एक बगीचे में कलियों की तरह होते हैं और उन्हें प्यार से पोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं।
    • संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है।
    • सही शिक्षा से ही समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।
    • अगर किसी देश को सच्ची महानता की ओर बढ़ना है, तो उसे अपने बच्चों का भला करना होगा।
    • हम अपने बच्चों को किताबों से ज्ञान दे सकते हैं, परन्तु जीवन के मूल्य उन्हें अनुभव से सिखाए जाते हैं।

    चिल्‍ड्रेंस डे पंडित जवाहरलाल नेहरू की बच्चों के प्रति गहरी समझ और उनके प्रति लगाव को समर्पित एक दिन है। उन्‍होंने हमेशा बच्चों को देश का भविष्य और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है। उनके विचारों और कोट्स में आज भी एक ऐसा संदेश छिपा है, जो हमें बच्चों की परवरिश और शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराता है।

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