सिर्फ सांस फूलना ही नहीं, खांसी भी हो सकती है Asthma का संकेत; डॉक्टर ने बताया कैसे करें बचाव
हर साल मई के पहले मंगलवार को World Asthma Day 2025 मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक किया जाता है। साथ ही उन्हें इससे बचाव के तरीके बताए जाते हैं। इसके कई ऐसे भी लक्षण हैं जिन्हें लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो सीधा हमारी सांसों से जुड़ी होती है। इस दौरान सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। समय रहते अगर इसकी पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज संभव हो जाता है। इस बीमारी को पूरी तरह कंट्रोल में रखा जा सकता है।
डॉ. संदीप नायर (प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड एचओडी, चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिजीज, बीएलके- मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल) ने बताया कि आज भी बहुत से लोग अस्थमा को तभी गंभीर मानते हैं जब किसी की सांस फूलने लगे। असल में, कई बार केवल सूखी खांसी भी अस्थमा का संकेत हो सकती है। ऐसे लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे बीमारी धीरे-धीरे गंभीर हो जाती है। उन्होंने अस्थमा से जुड़ी सभी जानकारी दी है।
अस्थमा का अनदेखा लक्षण है खांसी
अस्थमा का सबसे आम और कभी-कभी इकलौता लक्षण खांसी भी हो सकता है। कई बार मरीजों को सिर्फ सूखी खांसी की शिकायत होती है और उन्हें पता ही नहीं चलता कि यह अस्थमा का संकेत हो सकता है। यह खांसी खासतौर पर रात में ज्यादा होती है। इससे नींद भी प्रभावित होती है। डॉक्टर ने बताया कि जब सांस की नली धूल या एलर्जी के संपर्क में आती है तो सिकुड़ जाती है जिससे खांसी शुरू हो जाती है।
लगातार होती है खांसी
इसे कफ वैरिएंट अस्थमा कहा जाता है। ऐसे मामलों में मरीज को सांस फूलने जैसी नहीं, बल्कि लगातार खांसी होती है। डॉक्टर के मुताबिक, अगर किसी को लंबे समय से खांसी है और कोई और कारण नहीं मिल रहा, तो उसे पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (Lung Function Test) कराना चाहिए। यह टेस्ट अस्थमा की पुष्टि करता है।
यह भी पढ़ें: सिर्फ सांस की बीमारी नहीं है अस्थमा, डॉक्टर से जानें कैसे हार्ट और डाइजेशन पर भी डालता है गहरा असर
इन लक्षणों पर भी दें ध्यान
- सीने में जकड़न
- सांस लेने में तकलीफ
- घरघराहट (सीटी जैसी आवाज आना)
कई बार एलर्जी और GERD भी जिम्मेदार
कई मरीज नाक से जुड़ी एलर्जी जैसे छींक आना, आंखों से पानी आना या बदलते मौसम में नाक बहने की शिकायत लेकर आते हैं। यह एलर्जिक राइनाइटिस कहलाता है और यह भी अस्थमा से जुड़ा हो सकता है। इसके अलावा, अगर किसी को गैस, खट्टी डकार या बार-बार खांसी की शिकायत है तो उसे GERD (गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज) हो सकता है, जो अस्थमा को बढ़ा सकता है।
जल्दी पहचान और इलाज जरूरी
डॉक्टर संदीप नायर ने बताया कि समय रहते अगर अस्थमा की पहचान कर ली जाए और दवा शुरू कर दी जाए, तो मरीज एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह से दवाएं समय पर लेना और ट्रिगर करने वाली चीजों से बचना बेहद जरूरी है। उन्हाेंने कहा कि अस्थमा से डरने की जरूरत नहीं है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।