Lung Function Tests: स्मोक करते हैं, तो फेफड़ों की हेल्थ के लिए जरूर कराएं ये 6 टेस्ट
Lung Function Tests लंबे समय तक हेल्दी बने रहने के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के साथ समय-समय पर कुछ हेल्थ चेक-अप कराते रहना भी बहुत जरूरी है खासतौर से जो लोग स्मोक करते हैं उन्हें फेफड़ों की जांच करवानी चाहिए। इससे उन्हें अपने फेफड़ों की कंडीशन का पता लग सकता है और अगर कोई समस्या हुई तो समय रहते उसे ठीक करा सकते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Lung Function Tests: जो लोग रेगुलर स्मोक करते हैं, उन्हें अपने फेफड़ों की जांच समय-समय पर जरूर करवानी चाहिए। ताकि समय रहते किसी तरह के खतरे का पता चल सके और समय पर इलाज भी हो सके। स्मोकिंग फेफड़ों के साथ शरीर के बाकी अंगों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाती है। जिससे कई तरह के श्वसन रोगों का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों की हेल्थ को पता लगाने वाले जरूरी टेस्ट की जानकारी होने से स्मोक करने वाले लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रह सकते हैं। आइए जानते हैं इन टेस्ट के बारे में।
1. स्पिरोमेट्री टेस्ट
स्पिरोमेट्री टेस्ट एक नॉर्मल टेस्ट है, जो यह बताता है कि आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम करते हैं। यह फेफड़ों की कैपेसिटी, एयर फ्लो और इस बात का आकलन करता है कि आप कितने अच्छे से सांस ले और छोड़ पा रहे हैं। टेस्ट के दौरान, आपको गहरी सांस लेने और स्पिरोमीटर ट्यूब में फूंक मारने के लिए कहा जाएगा। इसके रिजल्ट क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) या अस्थमा जैसे रोगों की पहचान करने में मदद करते हैं। ये वे कॉमन प्रॉब्लम्स हैं जिनका खतरा धूम्रपान करने वालों में ज्यादा देखने को मिलता है।
2. चेस्ट एक्स-रे
छाती के एक्स-रे से आपको चेस्ट की एक क्लीयर इमेज मिलती है। यह टेस्ट आपके फेफड़ों में मौजूद किसी भी तरह की प्रॉब्लम, जैसे- सूजन, संक्रमण, ट्यूमर या फेफड़ों की बीमारी के लक्षण को बताने में मदद कर सकता है। छाती का नियमित एक्स-रे कराने से फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।
3. सीटी स्कैन (कम्प्यूटेड टोमोग्राफी)
सीटी स्कैन ज्यादा हाईटेक इमेजिंग तकनीक है, जो फेफड़ों की क्रॉस-सेक्शनल छवियां बनाती है। यह फेफड़ों के कैंसर, वातस्फीति या फेफड़ों में रक्त के थक्के का पता लगाने के लिए उपयोगी है। लंबे समय से धूम्रपान कर रहे लोगों के लिए, फेफड़ों के कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए सीटी स्कैन एक प्रभावी स्क्रीनिंग उपकरण हो सकता है।
4. एबीजी टेस्ट
एबीजी टेस्ट आपके ब्लड में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के लेवल को बताता है। यह परीक्षण श्वसन रोग संबंधी लक्षण लिए हुए धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए जरूरी है, क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन में ऑक्सीजन स्थानांतरित करने और कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने में आपके फेफड़ों की कैपेसिटी का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
5. ऑक्सीमेट्री टेस्ट
ऑक्सीमेट्री टेस्ट, जो अक्सर पल्स ऑक्सीमीटर के साथ किया जाता है, आपके ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा को मापता है। यह एक आसान सा टेस्ट है, जिसाक इस्तेमाल आमतौर पर सीओपीडी जैसी सांस से जुड़े रोग से पीड़ित ऐसे लोगों के फेफड़ों की जांच के लिए किया जाता है, जो काफी स्मोक करते हैं।
6. पीक एक्सपिरेटरी फ्लो (पीईएफ) टेस्ट
पीईएफ टेस्ट से यह पता चलता है कि आप कितनी तेज से हवा को फोर्स के साथ बाहर निकाल सकते हैं। यह फेफड़ों की कार्य क्षमता पर नजर रखने और अस्थमा या सीपीओडी ट्रीटमेंट के इफेक्ट्स को जांचने के लिए जरूरी टूल है। नियमित पीईएफ कराते रहने से फेफड़ों की बिगड़ती स्थिति को जल्दी पहचानने में मदद मिल सकती है।
7. सीबीसी
सीबीसी एक ब्लड टेस्ट है, जो आपके शरीर की ऑक्सीजन लेने की क्षमता सहित आपकी ओवरऑल हेल्थ का आकलन करता है। यह आपके ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं, श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट की संख्या को मापता है। लाल रक्त कोशिकाओं का निम्न स्तर एनीमिया की ओर इशारा करता है, जो ऑक्सीजन संचरण को प्रभावित करता है।
धूम्रपान से जुड़ी समस्याओं के बढ़ते खतरों के कारण धूम्रपान करने वालों के लिए फेफड़ों के स्वास्थ्य की निगरानी करना बेहद महत्वपूर्ण है। स्पिरोमेट्री, छाती का एक्स-रे, सीटी स्कैन, एबीजी, ऑक्सीमेट्री, पीईएफ और सीबीसी जैसे आवश्यक परीक्षण आपके फेफड़ों की स्थिति और समग्र श्वसन क्रिया के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकते हैं। फेफड़ों की समस्याओं का शीघ्र पता लगाने से समय पर हस्तक्षेप कार्रवाई की जा सकती है और बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
(डॉ. अजय शाह, न्यूबर्ग प्रयोगशाला के प्रबंध निदेशक से बातचीत पर आधारित)
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