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    कभी सजावट के ल‍िए होता था चम्‍मच का इस्‍तेमाल, आज बन गया हमारी थाली का हिस्सा; जानें द‍िलचस्‍प कहानी

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 04:05 PM (IST)

    चम्मच हमारे किचन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इसका इतिहास भी प्राचीन है। इसका पहला इस्तेमाल मिस्र में 1000 ईसा पूर्व हुआ था जब लोग लकड़ी पत्थर और धातु से बने चम्मच इस्तेमाल करते थे। ग्रीक और रोमन साम्राज्यों में यह सोने-चांदी से बनने लगा जो अमीरों तक सीमित था।

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    क्या आप जानते हैं चम्‍मच का इत‍िहास (Image Credit- Pexels)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। हमारे क‍िचन में मौजूद चम्‍मच हमारी लाइफ का अ‍हम ह‍िस्‍सा बन गया है। आज के समय में तो ज्‍यादातर लोग चम्‍मच से ही खाना खाते हैं। चाहे खाना खाना हो, चाय पीते समय नमकीन खानी हो या कोई स‍िरप लेनी हो, चम्मच हर जगह हमारी मदद करता है। कुल म‍िलाकर ये चम्‍मच हमारी थाली का हिस्सा बन चुका है। हमारे किचन में इसकी एक खास जगह है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये चम्मच आखिर आया कहां से? किसने बनाया और कैसे धीरे-धीरे इसका रूप बदलता चला गया?

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    आपको बता दें क‍ि चम्मच का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही दिलचस्प भी है। इंसानों ने जब खाना खाने के लिए अपने हाथों के अलावा किसी चीज का इस्तेमाल करना शुरू किया, तभी चम्‍मच की शुरुअरत हुई। लेक‍िन शुरुआत में ये आज के चम्‍मचों की तरह नहीं द‍िखता था। जैसे-जैसे समय बदलता गया, इसके शेप और डिजाइन भी बदल गए। आज हम बाजार में स्टील, लकड़ी, तांबे और प्लास्टिक से लेकर डिजाइनर चम्मच तक देखते हैं। लेकिन इस आसान-सी चीज के पीछे की कहानी आपको हैरान कर सकती है। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे कि चम्‍मच का आव‍िष्‍कार कैसे हुआ था? तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    सबसे पहले प्राचीन मिस्र में हुआ था चम्‍मच का इस्‍तेमाल

    चम्मच का इस्तेमाल आज तो हर घर में होता है। लेकिन चम्‍मच का सबसे पहले इस्‍तेमाल प्राचीन मिस्र में हुआ था। बताया जाता है क‍ि 1000 ईसा पूर्व लोग लकड़ी, पत्‍थर, हाथी के दांत और मेटल से बने चम्‍मचों का इस्तेमाल करते थे। उस समय इसका इस्‍तेमाल खाना परोसने, दही खाने या धार्मिक क‍ार्यों में क‍िया जाता था।

    धीरे-धीरे बनावट में आया बदलाव

    वहीं कुछ लोग सजावट के ल‍िए भी चम्‍मचों का इस्‍तेमाल करते थे। हालांक‍ि बाद में ग्रीक और रोमन साम्राज्यों में चम्मच का स्‍वरूप बदल गया। इसे सोने-चांदी से तैयार क‍िया जाने लगा। चूंक‍ि ये महंगे होते थे इसल‍िए सोने-चांदी के चम्‍मचों का इस्‍तेमाल स‍िर्फ अमीर लोग ही करते थे। इनके ड‍िजाइन भी देखने में बेहद सुंदर होते थे।

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    एडवर्ड प्रथम से जुड़ी है कहानी

    आपको बता दें क‍ि रोमान साम्राज्‍य में तो चम्‍मच को ल‍िगुला नाम से जाना जाता था। इसमें इसका स‍िरा गोलाकार का होता था जबक‍ि इसका हैंडल बहुत पतला होता था। वहीं दूसरी ओर यूरोप में 476 ई-1492 में सींग, लकड़ी, पीतल और जस्ता से चम्मचों को तैयार क‍िया जाता था। इनकी बनावट भी बेहद खास होती थी। इंग्‍लैंड में तो चम्‍मच एडवर्ड प्रथम के समय यानी क‍ि 1259 का बताया जाता है। उस वक्त इसे अलमारी में इसे रखने की बात कही जाती थी।

    आज पूरी दुन‍िया में होता है इसका इस्‍तेमाल

    15वीं शताब्दी में चम्मच और कांटे (फोर्क) दोनों का इस्तेमाल शुरू हुआ। समय के साथ चम्मचों के डिजाइन, इस्‍तेमाल और बनावट में बदलाव आया और आज ये हर घर, होटल और रसोई का जरूरी हिस्सा बन चुका है। भारत में तो ज्‍यादातर लोग स्‍टील के चम्‍मचों का इस्‍तेमाल करते हैं।

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