युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहे हैं लंग कैंसर के मामले, एक्सपर्ट से जानें इसके लक्षण और कारण
युवाओं में लंग कैंसर के बढ़ते मामले (Lung Cancer in Young Adults) काफी चिंता का विषय है। इतना ही नहीं लंग कैंसर के मामले अब नॉन-स्मोकर्स में भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में समझना जरूरी है कि युवाओं में लंग कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे वजह क्या है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा माना जाता था कि लंग कैंसर बुजुर्गों की बीमारी है, वो भी उनमें जो स्मोक करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह समस्या युवाओं (Lung Cancer in Young Adults) में भी तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में आई स्टडी में यह भी पता चला है कि लंग कैंसर के मामले अब नॉन-स्मोकर्स में भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
ऐसे में सवाल आता है कि युवाओं में क्यों लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं? इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं (Lung Cancer Symptoms in Young Adults) और बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए इन सवालों के जवाब डॉ. गोपाल शर्मा (प्रिंसिपल डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, वैशाली) से जानते हैं।
युवाओं में लंग कैंसर बढ़ने के कारण
जेनेटिक म्यूटेशन
- कुछ युवाओं में EGFR, ALK, ROS1 जैसे जीन म्यूटेशन पाए जाते हैं, जो लंग कैंसर का कारण बनते हैं। ये म्यूटेशन स्मोकिंग न करने वाले व्यक्तियों में भी हो सकते हैं।
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प्रदूषण और वातावरण का प्रभाव
- वायु प्रदूषण- PM2.5 और अन्य हानिकारक कण फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- पैसिव स्मोकिंग (सेकंडहैंड स्मोक)- यदि आपके आसपास कोई स्मोक करता है, तो इसका धुआं भी खतरनाक हो सकता है।
- रेडॉन गैस- कुछ इलाकों में जमीन से निकलने वाली यह गैस लंग कैंसर का कारण बन सकती है।
खराब लाइफस्टाइल
- तंबाकू और गुटखा- सिगरेट न पीने वाले भी पान मसाला, गुटखा या ई-सिगरेट के कारण प्रभावित हो सकते हैं।
- अनहेल्दी डाइट- प्रोसेस्ड फूड और शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को कम करती है।
पहले से मौजूद फेफड़ों की बीमारियां
- अस्थमा, टीबी या फेफड़ों के अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों में लंग कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
लंग कैंसर के लक्षण कैसे होते हैं?
युवाओं में लंग कैंसर के लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी-खांसी समझकर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। लेकिन अगर कुछ लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें-
- लगातार खांसी (3 हफ्ते से ज्यादा)
- खांसी में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट
- सीने में दर्द या भारीपन
- अचानक वजन कम होना और थकान
- आवाज में बदलाव या गला बैठना
- बार-बार निमोनिया या ब्रोंकाइटिस होना
क्या युवाओं में लंग कैंसर अलग होता है?
युवाओं में लंग कैंसर अक्सर एडवांस स्टेज में पकड़ में आता है, क्योंकि शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। हालांकि, जेनेटिक म्यूटेशन वाले मरीजों को टार्गेटेड थेरेपी या इम्यूनोथेरेपी से बेहतर रिजल्ट मिल सकते हैं।
बचाव के उपाय
- स्मोक न करें- सिगरेट और तंबाकू से दूर रहें।
- प्रदूषण से बचाव- N95 मास्क पहनें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- रेडॉन गैस की जांच- यदि आप ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, तो घर में रेडॉन टेस्ट करवाएं।
- कैंसर स्क्रीनिंग- परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो स्क्रीनिंग कराएं।
- हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज- एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जियां खाएं और नियमित एक्सरसाइज फेफड़ों को हेल्दी रखते हैं।
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