World Liver Day 2025: फैटी लिवर मैनेज करेंगे डाइट और लाइफस्टाइल में ये 5 बदलाव
लिवर हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक है जो हमें हेल्दी रखने के लिए कई सारे काम करता है। इसलिए इसकी सेहत को लेकर लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इस मौके पर आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे फैटी लिवर को मैनेज करने के कुछ तरीकों के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। लिवर हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक है, जो शरीर में कई सारे जरूरी काम करता है। इसलिए हेल्दी रहने के लिए लिवर का हेल्दी होना भी बेहद जरूरी है। इसलिए इसकी सेहत को लेकर लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इन दिनों लिवर से जुड़ी समस्याएं कई लोगों के लिए परेशानी बनी हुई हैं।
फैटी लिवर इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो अक्सर खराब डाइट और फिजिकली इनएक्टिव रहने की वजह से होता है। हालांकि, इस बीमारी को प्रभावी तरीके से मैनेज किया जा सकता है और लगातार लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे उलटा भी किया जा सकता है। इस बारे में ज्यादा विस्तार से जानने के लिए हमने मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. दीपांशु खन्ना से बात की। आइए जानते हैं डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव से कैसे मैनेज कर सकते हैं फैटी लिवर-
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फैटी लिवर में डाइट का महत्व
डॉक्टर ने बताया कि संतुलित आहार को अपनाना जिसमें सब्जियां, साबुत अनाज, फल और लीन प्रोटीन शामिल हों, लिवर में फैट के निर्माण को कम करने में मदद करता है। साथ ही चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड फूड्स को सीमित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जो लिवर में फैट का निर्माण करते हैं।
साथ ही डेली रूटीन में फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करना, जैसे कम से कम 30 मिनट तक तेज चलना, न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि लिवर के फंक्शन और पूरे मेटाबॉलिज्म हेल्थ को भी बढ़ाता है, जिससे फैटी लिवर को रिवर्स करने में महत्वपूर्ण अंतर आता है।
डॉक्टर ने बताया कि डाइट और जीवनशैली के जरिए फैटी लिवर (विशेष रूप से मेटाबॉलिज्म से जुड़ा फैटी लिवर डिजीज, MAFLD) को मैनेज करने से लिवर की चर्बी को कम करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने और MASH या फाइब्रोसिस की प्रगति को रोकने में मदद मिलती है। इन तरीकों से मैनेज करें फैटी लिवर-
वेट लॉस करें
फैटी लिवर को मैनेज करने के लिए वजन कम करना बेहद जरूरी है। इसके लिए 7-10% वजन घटाने से भी काम हो सकता है। वहीं, 3-5% वजन घटाना भी लिवर की चर्बी को कम करता है। इसके अलावा 10% वेट लॉस सूजन और फाइब्रोसिस को रिवर्स कर सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि धीरे-धीरे (0.5-1 किग्रा/सप्ताह) वजन कम करने का टारगेट रखें।
डाइट में बदलाव
मेरिडियन डाइट लिवर में जमा फैट कम करने में काफी मदद करती है। इसके लिए आप डाइट में सब्जियां, फल, मेवे, जैतून का तेल, फलियां, साबुत अनाज, मछली आदि शामिल करें। साथ ही हाई फाइबर फूड्स, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले कार्ब्स और लीन प्रोटीन (चिकन, मछली, पौधे आधारित) भी आपको फैटी लिवर को मैनेज करने में मदद करेगा।
इन फूड्स से करें परहेज
ज्यादा चीनी वाली, फ्रुक्टोज (जैसे, शुगरी ड्रिंक्स, मिठाई), रिफाइंड कार्ब्स (सफेद ब्रेड, पेस्ट्री),सेचुरेटेड/ट्रांस फैट (तला हुआ भोजन, फास्ट फूड, रेड मीट) और शराब (यहां तक कि कम सेवन भी लिवर को खराब कर सकता है)
फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी
फैटी लिवर को मैनेज करने के लिए रोजाना करीब 150 मिनट/सप्ताह एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना आदि रूटीन में शामिल जरूर करें। इसके साथ ही 2-3 बार हफ्ते में रेजिस्टेंस ट्रेनिंग करने से भी फायदे मिलते हैं। साथ ही यह इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है और आंत की चर्बी कम करता है।
मेटाबोलिक रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल करें
फैटी लिवर को मैनेज करने के लिए कुछ बीमारियों को कंट्रोल करना भी जरूरी है। इसके लिए डायबिटीज, डिस्लिपिडेमिया, हाई ब्लड प्रेशर आदि को मैनेज करें। साथ ही इनएक्टिव बिहेवियर से बचें और रोजाना 7–8 घंटे की नींद लें। साथ ही स्लीप एपनिया की जांच जरूर करें।
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