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    Blood Donor Day 2025: आप भी करते हैं ब्लड डोनेशन से जुड़े 5 मिथकों पर यकीन, तो आज ही जान लें सच्चाई

    Updated: Sat, 14 Jun 2025 02:19 PM (IST)

    रक्तदान को महादान माना जाता है क्योंकि इससे कई लोगों को नया जीवन मिलता है। हर साल 14 जून को ब्लड डोनर डे मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करना है। रक्तदान से जुड़े कई मिथक हैं जिसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। साथ ही इसके कुछ फायदे भी है जो कम लोग ही जानते हैं।

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    ब्लड डोनेशन जानें रक्तदान से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी अपने जीवन में कुछ न कुछ दान जरूर करते हैं। जरूरतमंदों को दान करने का काफी ज्यादा महत्व होता है, लेकिन सबसे बड़ा दान रक्तदान माना जाता है। आपके दान किए गए खून से कई लोगों को नया जीवन मिलता है और इसलिए रक्तदान को महादान माना जाता है। हर एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बचाई जाती है, लेकिन आज भी लोगों में इसे लेकर जागरूकता की कमी है।

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    ऐसे में ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 14 जून को ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। रक्त दान करने को लेकर जागरूक होने के साथ-साथ इससे जुड़ी जरूरी बातों के बारे में जानना भी जरूरी है। आज भी लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल मौजूद हैं। ऐसे में ब्लड डोनर डे के मौके पर बीएम बिड़ला हार्ट हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर ब्लड बैंक डॉ. लोपिता भट्टाचार्य से जानते हैं ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई-

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    कैसे जान बचाता है दान किया गया खून?

    डॉक्टर बताती हैं कि दान किए गए ब्लड का एक भी कण बर्बाद नहीं होता। इसे रेड ब्लड सेल्स, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स में अलग किया जाता है, जिनका इस्तेमास अलग-अलग मेडिकल कंडीशन के इलाज के लिए किया जाता है। स्ट्रोक पीड़ितों, कैंसर रोगियों, पेरिऑपरेटिव लोगों और पुरानी खून की बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए हॉस्पिटल में बड़े पैमाने पर रक्तदान की जरूरत होती है।

    इसलिए रक्तदान न केवल एक मेडिकल प्रोसेस है, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक दायित्व भी है। हालांकि, इससे जुड़े कुछ मिथक आज भी लोगों को ब्लज डोनेट करने से रोकते हैं। आइए जानते हैं डॉक्टर के बताए ब्लड डोनेज से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में-

    मिथक 1- ब्लड डोनेट करने से आप कमजोर हो जाते हैं।

    फैक्ट- खून के फ्लूइड कंपोनेंट 24 घंटे में बदल जाते हैं, जबकि रेड ब्लड सेल्स को बदलने में कुछ हफ्ते लगते हैं। हेल्दी पुरुष हर 3 महीने में एक बार रक्तदान कर सकते हैं, जबकि स्वस्थ महिलाएं हर 4 महीने में एक बार।

    मिथक 2- ब्लड डोनेशन की प्रोसेस काफी पेनफुल या समय लेने वाला होता है।

    फैक्ट: ब्लड को कलेक्ट करने में 8-10 मिनट लगते हैं। स्क्रीनिंग और आराम का ड्यूरेशन मिलाकर इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 30-45 मिनट लग सकते हैं। ज्यादातर दाता इसे दर्द रहित और संतोषजनक मानते हैं।

    मिथक 3- आपको सिर्फ तभी रक्तदान करना चाहिए जब आपका ब्लड ग्रुप दुर्लभ हो।

    फैक्ट- हर ब्लड ग्रुप समान रूप से महत्वपूर्ण है। मेटरनिटी केयर से लेकर सर्जरी और चोट तक, आम ब्लड ग्रुप की हर दिन बड़ी मांग होती है। हो सकता है कि आज आपका खून कल किसी की जान बचा सके।

    मिथक 4- वृद्ध या दुबले-पतले लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए।

    फैक्ट- हर रक्त समूह समान रूप से महत्वपूर्ण है। प्रसूति देखभाल से लेकर सर्जरी और चोट तक, हर रोज़ आम रक्त समूहों की बड़ी मांग होती है। हो सकता है कि आज आपका रक्त किसी की जान बचा सके।

    मिथक 5- वृद्ध या दुबले-पतले लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए।

    फैक्ट- अगर आपकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच है, आपका स्वास्थ्य अच्छा है और आप न्यूनतम वजन और हीमोग्लोबिन मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आप रक्तदान कर सकते हैं। प्रत्येक दान से पहले आपकी पात्रता का मूल्यांकन किया जाएगा।

    ब्लड डोनेशन करने के फायदे

    • ब्लड डोनेशन करने से शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा आयरन को कम होता है, जिससे हार्ट हेल्थ में सुधार होता है, जो दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
    • ब्लड डोनेट करने से कैलोरी बर्न होती है। हर एक रक्तदान से लगभग 600-650 कैलोरी जलती है।
    • रेड ब्लज सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ता करता है, ताकि ब्लड सिस्टम एक्टिव और हेल्दी रहे।

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