शुरुआती स्टेज में मुश्किल होता है प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाना, ये लक्षण दिखते ही करवाएं टेस्ट
पुरुषों में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) भी है। हालांकि इसका इलाज सफल होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है अगर शुरुआती स्टेज में पता लगा लिया जाए। लेकिन यही सबसे बड़ी चुनौती है कि इस कैंसर के शुरुआत में इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाले सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्लैंड में ट्यूमर बनने की वजह से होता है, जिसका पता न चले, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। इसलिए इसका जल्दी पता लगाना (Prostate Cancer Symptoms) काफी जरूरी है।
हालांकि, शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है (Prostate Cancer Diagnosis)। आइए जानें कि ऐसा क्यों होता है और इसका पता कैसे लगा सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाना मुश्किल क्यों होता है?
- शुरुआती स्टेज में लक्षण न दिखना- प्रोस्टेट कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शुरुआती स्टेज में अक्सर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कैंसर जब तक प्रोस्टेट ग्लैंड के अंदर या उसके आस-पास तक सीमित रहता है, तब तक यह शरीर में कोई खास परेशानी पैदा नहीं करता। इस स्टेज में इसका पता सिर्फ टेस्ट के जरिए ही चल पाता है।
- धीमी गति से बढ़ना- प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर बहुत धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है। यह इतना धीरे-धीरे विकसित होता है कि सालों तक शरीर में कोई खास लक्षण पैदा नहीं करता, जिससे व्यक्ति को लंबे समय तक इसके होने का पता ही नहीं चल पाता।
- झिझक- कई पुरुषों में प्रोस्टेट या मूत्र संबंधी समस्याओं के बारे में बात करने में झिझक होती है। वे लक्षणों को बुढ़ापे की सामान्य निशानी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे डॉक्टर के पास जाने और जांच करवाने में देरी होती है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या होते हैं?
जब प्रोस्टेट कैंसर बढ़ता है या फैलता है, तो शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- बार-बार यूरिन आना, खासकर रात के समय
- यूरिन की शुरुआत में परेशानी होना या रुक-रुक कर पेशाब आना।
- यूरिन की धार कमजोर होना।
- पेशाब करने में जलन या दर्द होना।
- ब्लैडर पूरी तरह खाली न कर पाना
- यूरिन में खून आना।
- सीमन में खून आना।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन।
- पीठ के निचले हिस्से या हिप्स में दर्द
- बहुत ज्यादा थकान
- ब्लैटर कंट्रोल न कर पाना
- हाथ-पैरों में कमजोरी
- बिना वजह अचानक वजन कम होना
इसीलिए प्रोस्टेट कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए नियमित जांच सबसे जरूरी है, खासकर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों के लिए या उनके लिए जिनके परिवार में इसका इतिहास रहा हो। किसी भी तरह के यूरिन या सेक्स संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। समय रहते पता चलने पर प्रोस्टेट कैंसर का इलाज सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
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Source:
- Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/8634-prostate-cancer
- Mayo Clinic: https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/prostate-cancer/symptoms-causes/syc-20353087
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