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    क्यों डिमेंशिया का पता लगाने में हो जाती है देरी? इन 5 शुरुआती लक्षणों से कर सकते हैं इसकी पहचान

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 08:29 AM (IST)

    हाल ही में आई एक स्टडी में पता चला है कि डिमेंशिया होने के लगभग 3-4 साल बाद इसका पता लगता है। इसके कारण इलाज में देर होती है और मरीज की कंडीशन भी बिगड़ने लगती है। इसलिए डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों (Dementia Early Signs) के बारे में पता होना जरूरी है ताकि इसकी पहचान जल्द से जल्द की जा सके।

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    डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एक डाटा के मुताबिक, साल 2021 में लगभग 5.7 करोड़ लोग डिमेंशिया (Dementia) से पीड़ित थे और हर साल डिमेंशिया के लगभग एक करोड़ नए मामले सामने आते हैं? इस आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना गंभीर मामला है।

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    इससे भी खतरनाक बात यह है कि डिमेंशिया का पता चलने में आमतौर पर काफी समय लग जाता है। हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) की एक स्टडी से पता चला है कि डिमेंशिया के पहले लक्षण (Dementia Early Symptoms) दिखने के बाद औसतन 3.5 साल तक इसका डाग्नोसिस नहीं हो पाता। वहीं, कम उम्र में होने वाले डिमेंशिया (अर्ली-ऑनसेट डिमेंशिया) के मामलों में यह समय 4.1 साल तक हो सकता है।

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    क्यों डिमेंशिया का जल्दी पता नहीं चलता?

    डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों को अक्सर उम्र का असर या तनाव समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अगर इन संकेतों को पहचान लिया जाए, तो समय रहते सही देखभाल और इलाज शुरू किया जा सकता है। आइए जानें डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।

    याददाश्त में कमी

    काम पर फोकस करने में परेशानी

    • किसी काम पर फोकस न कर पाना
    • सामान्य गिनती या फैसले लेने में दिक्कत
    • प्लान बनाने या समस्याओं को सुलझाने में मुश्किल

    भाषा और बातचीत में कठिनाई

    • बात करते समय सही शब्द न मिलना
    • बातचीत को समझने या जारी रखने में परेशानी
    • बार-बार एक ही कहानी दोहराना

    रोज के कामों में परेशानी

    • घर के सामान्य काम (जैसे खाना बनाना, बिल भरना) करने में मुश्किल
    • नए काम सीखने में मुश्किल
    • परिचित जगहों पर भी भटक जाना

    मूड और व्यवहार में बदलाव

    • चिड़चिड़ापन, गुस्सा या उदासी
    • सोशल एक्टिविटीज से दूरी बना लेना
    • दूसरों के इमोशन्स में रुचि न लेना
    • अनुचित व्यवहार (जैसे बिना वजह गुस्सा करना)
    • क्या करें अगर ये लक्षण दिखें?
    • डॉक्टर से सलाह लें- न्यूरोलॉजिस्ट या मनोचिकित्सक से संपर्क करके मेमोरी टेस्ट और ब्रेन इमेजिंग करवाएं।
    • लाइफस्टाइल में बदलाव- हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज और मानसिक गतिविधियों (जैसे पढ़ना, पजल्स खेलना) को अपनाएं।
    • इमोशनल सपोर्ट- परिवार और दोस्तों का साथ डिमेंशिया के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है।

    डिमेंशिया के लक्षणों को पहचानना और समय रहते डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। ऐसा न करने से अक्सर इसके इलाज में देर हो जाती है और यह अगले स्टेज तक जल्दी पहुंच जाता है। अगर आपके परिवार में किसी को ये संकेत नजर आएं, तो उनकी मदद करें और सही इलाज शुरू करवाएं। थोड़ी सावधानी और सही देखभाल से डिमेंशिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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    Source:


    WHO: https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/dementia

    International Journal of Geriatric Psychiatry: https://onlinelibrary.wiley.com/doi/10.1002/gps.70129

    Better Health: https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/dementia-early-signs