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    सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, दिमाग को भी नुकसान पहुंचा रहा है वायु प्रदूषण; डिमेंशिया का बढ़ाता है खतरा

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 09:13 AM (IST)

    बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए खतरा बनता जा रहा है। इसकी वजह से सिर्फ फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं ही नहीं होती बल्कि ये आपके दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल एक स्टडी में पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों में डिमेंशिया (Air Pollution Causes Dementia) का रिस्क बढ़ जाता है।

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    वायु प्रदूषण के कारण बढ़ता है डिमेंशिया का रिस्क (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बढ़ता AQI सिर्फ फेफड़ों के लिए नुकसानदेह नहीं है, बल्कि दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता है। जी हां, लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने की वजह से डिमेंशिया (Air Pollution Increases Dementia Risk) का रिस्क बढ़ जाता है। ये हम नहीं, बल्कि एक स्टडी कह रही है, जो हाल ही में द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल पब्लिश हुई है। आइए जानें वायु प्रदूषण और डिमेंशिया के बीच क्या कनेक्शन है।

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    वायु प्रदूषण और डिमेंशिया का कनेक्शन

    डिमेंशिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति की सोचने, याद रखने और लॉजिकल क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। अल्जाइमर इसका सबसे आम प्रकार है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायु प्रदूषण, खासतौक से PM2.5, दिमाग में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करके डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ाता है।

    • दिमाग में सूजन- PM 2.5 जैसे छोटे पार्टिकल्स सीधे दिमाग में पहुंचकर न्यूरोइन्फ्लेमेशन पैदा करते हैं, जो डिमेंशिया का एक अहम कारण है।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस- वायु प्रदूषण शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ाता है, जिससे सेल्स को नुकसान पहुंचता है और दिमाग की फंक्शनिंग प्रभावित होती है।
    • ब्लड वेसल्स को नुकसान- प्रदूषण के कण ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे दिमाग तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती है।

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    क्या कहती है स्टडी?

    PM2.5 के प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की बढ़ोतरी से डिमेंशिया का खतरा 17% बढ़ जाता है। सूट (गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ) जैसे प्रदूषकों की मात्रा में हर 1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की बढ़ोतरी से डिमेंशिया का जोखिम 13% बढ़ जाता है।

    कैसे करें वायु प्रदूषण से बचाव?

    • मास्क का इस्तेमाल- बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें।
    • इंडोर एयर प्यूरीफायर- घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने के लिए एयर प्यूरीफायर लगाएं।
    • हरियाली बढ़ाएं- घर में पौधे लगाकर हवा की क्वालिटी में सुधार करें।
    • इंडोर प्लांट्स लगाएं- घर के अंदर स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाएं, जो घर की हवा को शुद्ध करते हैं।
    • मोमबत्ती आदि से बचें- घर के अंदर मोमबत्ती, अगरबत्ती आदि न जलाएं। इनमें मौजूद वोलेटाइल कंपाउंड एयर प्लूयशन बढ़ाते हैं।
    • ब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल- कोशिश करें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। इससे वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
    • लकड़ी न जलाएं- लकड़ी जलाने से निकलने वाला धुंआ वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। इसलिए इससे बचें।
    • AQI चेक करें- कहीं जाने से पहले उस जगह का AQI चेक कर लें। अगर प्रदूषण ज्यादा हो, तो वहां जाने से बचें।

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    Source: 

    The Lancet Planetary Health: https://www.thelancet.com/journals/lanplh/article/PIIS2542-5196(25)00118-4/fulltext