काम का ज्यादा प्रेशर बन सकता है बर्नआउट की वजह, बचाव में काम आएंगे ये 8 टिप्स
आजकल कॉम्प्टीशन इतना बढ़ चुका है कि हर कोई एक-दूसरे को पीछे छोड़कर आगे निकलने की दौड़ में लगा हुआ है। इसके चक्कर में लोग अपना सारा ध्यान काम पर लगाए रखते हैं लेकिन इसके कारण कई बार वर्कप्लेस बर्नआउट की समस्या भी हो जाती है। इसके कारण प्रोडक्टिविटी तो कम होती ही है। साथ ही हेल्थ को भी नुकसान होता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की तेजी से भागती दुनिया में, काम का दबाव और कॉम्प्टीशन लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में, कर्मचारियों के लिए वर्कप्लेस बर्नआउट (Workplace Burnout) एक गंभीर समस्या बन गया है।
बर्नआउट न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य, प्रोडक्टिविटी और पारिवारिक जीवन पर भी नेगेटिव असर डालता है। इससे बचने के लिए कुछ असरदार तरीके (Tips to Prevent Burnout) अपनाए जा सकते हैं।
वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखें
काम और पर्सनल लाईफ के बीच बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है। लगातार काम करते रहने से शरीर और दिमाग थक जाते हैं, जिससे तनाव बढ़ता है। इसलिए, समय पर ऑफिस का काम खत्म करके परिवार, दोस्तों और अपने शौक के लिए समय निकालें। छुट्टियों का आनंद लें और डिजिटल डिटॉक्स (मोबाइल/लैपटॉप से दूरी) करके दिमाग को आराम दें।
यह भी पढ़ें- 4 संकेत चीख-चीखकर बताते हैं Depression का शिकार हो गया है आपका बच्चा, कैसे मदद करें पेरेंट्स?
प्रायोरिटी सेट करें
अक्सर बर्नआउट तब होता है जब हम सभी कामों को एक साथ करने की कोशिश करते हैं। इससे बचने के लिए अपने कामों को प्रायोरिटी के आधार पर ऑर्गेनाइज करें। टाइम मैनेजमेंट टेक्निक्स, जैसे- पोमोडोरो टेक्निक (25 मिनट काम + 5 मिनट ब्रेक) या आइजनहावर मैट्रिक्स (कामों को जरूरी और गैर-जरूरी में बांटना) का इस्तेमाल करें।
नियमित ब्रेक लें
लगातार काम करने से दिमाग सुस्त हो जाता है और क्रिएटिविटी कम होती है। हर 1-2 घंटे में 5-10 मिनट का छोटा ब्रेक लें। इस दौरान थोड़ा टहलें, स्ट्रेचिंग करें या आंखें बंद करके ध्यान लगाएं। इससे एनर्जी लेवल बना रहेगा और तनाव कम होगा।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
फिजिकल और मेंटल हेल्थ का सीधा कनेक्शन बर्नआउट से है। नियमित एक्सरसाइज, बैलेंस्ड डाइट और पूरी नींद लेने से तनाव कम होता है। योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मन शांत रहता है। कैफीन और ज्यादा शुगर वाले फूड्स से बचें, क्योंकि ये एंग्जाइटी बढ़ा सकते हैं।
"ना" कहना सीखें
अक्सर हम दबाव में आकर जरूरत से ज्यादा काम ले लेते हैं, जिससे बर्नआउट होता है। अपनी क्षमता के अनुसार काम लें और जरूरत पड़ने पर "ना" कहने का साहस रखें। यह आपको बेकार के स्ट्रेस से बचाएगा।
सहकर्मियों और मैनेजमेंट से खुलकर बात करें
अगर काम का बोझ बहुत ज्यादा है, तो अपने मैनेजर या टीम के साथ इस बारे में बात करें। काम को टीम के साथ शेयर करें और सपोर्ट सिस्टम बनाएं। अकेले सारा दबाव झेलने की बजाय मदद लेना बेहतर है।
अपनी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें
काम के दबाव में हम अक्सर छोटी-छोटी उपलब्धियों को नजरअंदाज कर देते हैं। हर छोटे सफल कदम के लिए खुद को प्रोत्साहित करें। इससे मोटिवेशन बना रहेगा और नेगेटिव ख्याल कम होंगे।
प्रोफेशनल हेल्प लेने से न हिचकिचाएं
अगर तनाव बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और आपको लगता है कि आप मैनेज नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी काउंसलर या मनोवैज्ञानिक से सलाह लें। मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें।
यह भी पढ़ें- सबकुछ होते हुए भी बेचैन हैं मिलेनियल्स! डॉक्टर से जानें उनके अंदर ही अंदर घुटने की असली वजह
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।